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वाड्रा का दूसरा घोटाला आया सामने

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर अब इंडियन नेशनल लोकदल के अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला ने भी हमला बोल दिया है। चौटाला ने आरोप लगाया है कि वाड्रा ने गुड़गांव से सटे मेवात में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सस्ती जमीन खरीदी और उसे भारी मुनाफे पर बेज दिया।

By Edited By: Published: Thu, 11 Oct 2012 12:28 PM (IST)Updated: Thu, 11 Oct 2012 05:30 PM (IST)
वाड्रा का दूसरा घोटाला आया सामने

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर अब इंडियन नेशनल लोकदल के अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला ने भी हमला बोल दिया है। चौटाला ने आरोप लगाया है कि वाड्रा ने गुड़गांव से सटे मेवात में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सस्ती जमीन खरीदी और उसे भारी मुनाफे पर बेच दिया। बाद में जमीन मालिक कांग्रेस के टिकट पर विधायक बन गया।

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चौटाला के अनुसार, वाड्रा ने 2009 में अपना प्रभाव दिखाकर गुड़गांव से सटे मेवात इलाके में 28 एकड़ जमीन मात्र 71 लाख रुपये में खरीदी और उसे दो साल बाद दो करोड़ 15 लाख रुपये में बेच दिया।

एक समाचार चैनल के अनुसार, गुड़गांव से सटा होने के कारण मेवात में जमीन की कीमत आसमान पर है लेकिन वाड्रा ने तीन साल पहले काफी कम कीमत पर जमीन खरीदी। यह जमीन छह अलग-अलग लोगों से करीब तीन लाख रुपये प्रति एकड़ के भाव से खरीदी गई। सबसे दिलचस्प है कि 2009 में हरियाणा सरकार ने इस इलाके में 16 लाख रुपये प्रति एकड़ स्टांप ड्यूटी तय की थी। यानि वाड्रा ने जो जमीन करीब तीन लाख रुपये प्रति एकड़ खरीदी, उस पर 16 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से स्टांप ड्यूटी अदा किया।

अब यह सौदा विपक्षी पार्टी इनेलो के गले नहीं उतर रहा है। इनेलो सुप्रीमो चौटाला ने वाड्रा द्वारा सस्ती दर पर खरीदी और ज्यादा स्टांप ड्यूटी देकर लागत से कम में जमीन बेचने के इस गड़बड़झाले की जांच की मांग की है।

इनेलो के अध्यक्ष ने सवाल उठाया है कि सरकार द्वारा निर्धारित कीमत से कम में यह जमीन कैसे खरीदी और बेची गई। कहीं ऐसा तो नहीं कि वाड्रा को फायदा पहुंचाने के लिए जमीन को बाजार से कम दाम पर बेचा दिखाया गया। कहीं ऐसा तो नहीं की वाड्रा को फायदा पहुंचाने के लिए जमीन को बाजार से कम दाम पर बेचा दिखाया गया।

कागजातों के मुताबिक, वाड्रा ने अपनी कंपनी रियल अर्थ एस्टेट्स प्राइवेट लि. के निदेशक के रूप में मेवात के फिरोजपुर जिरका के शकरपुरी में रूबी तबस्सुम से 7 लाख में 2 एकड़, आनंद फुड इंडिया से करीब साढ़े आठ एकड़ जमीन 20 लाख रुपये में, मेमूना और सुभाष चंद्र से 2-2 एकड़ जमीन 7-7 लाख रुपये में और फिरदौस बेगम से सवा 11 एकड़ जमीन 24 लाख रुपये में खरीदी।

दो साल बाद नवंबर 2011 में वाड्रा ने यही जमीन दिल्ली की साउथ एक्स इलाके की कंपनी हिंद इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड को 7 लाख 68 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर 2,15,01,562 रुपये में बेची।

चौटाला के अनुसार, वाड्रा ने करीब 28 में से 17 एकड़ जमीन कांग्रेस के नूंह विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद के परिवार से खरीदी है। चौटाला ने आरोप लगाया है कि इस जमीन के बदले आफताब को कांग्रेस का टिकट दिया गया। यही नहीं विधायक के परिवार की बाकी बची जमीन को शहरी विकास योजना में शामिल कर लिया गया जिसकी वजह जमीन की कीमत कई गुणा बढ़ गई। फिरोजपुर जिरका से इनेलो के विधायक नसीम अहमद के मुताबिक हुड्डा सरकार ने वाड्रा को काफी फायदा पहुंचाया है।

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