सोंधी माटी की खुशबू
राम, कृष्ण, शिव, बुद्ध की कर्मस्थली और गंगा-यमुना दोआब में उपजी सोंधी माटी की सास्कृतिक तहजीब को समेटे उत्तर प्रदेश की उर्वर माटी की सोंधी खुशबू लोगों का दिल लुभाने में कहीं कोई कसर नहीं छोड़ी है।
लखनऊ। राम, कृष्ण, शिव, बुद्ध की कर्मस्थली और गंगा-यमुना दोआब की सास्कृतिक तहजीब को समेटे उत्तर प्रदेश की उर्वर माटी की सोंधी खुशबू लोगों को बरबस ही आकर्षित करती है। भौगोलिक दृष्टि से उत्तर प्रदेश, पूर्व में बिहार, दक्षिण में मध्य प्रदेश, पश्चिम में राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा एवं उत्तर में उत्तराखंड से घिरा है।
इसकी उत्तरी सीमाएं नेपाल को छूती हैं। इसके चलते सामरिक दृष्टि से यह बेहद महत्वपूर्ण राज्य है। इसका क्षेत्रफल 2,36,286 वर्ग किमी है। क्षेत्रफल के लिहाज से यह देश का चौथा बड़ा राज्य है। वृहद आकार के लिहाज से यह फ्रांस के क्षेत्रफल से आधा, पुर्तगाल से तीन गुना, आयरलैंड से चार गुना, स्विटजरलैंड से सात गुना, बेल्जियम से 10 गुना और ब्रिटेन से थोड़ा बड़ा राज्य है। प्राचीन काल में उत्तर प्रदेश को मध्य देश कहा जाता था।
दिल्ली और पटना के बीच उर्वर मैदान और उत्तर पश्चिम से आने वाले आक्रांताओं के रास्ते में पड़ने के कारण इस प्रदेश का इतिहास उत्तर भारत के अतीत से गहरे से जुड़ा है। मिर्जापुर, सोनभद्र, कौशाबी, बुंदेलखंड, सराय नाहर और आलमगीरपुर (मेरठ) की खुदाई से मिले साक्ष्य प्राचीनतम सभ्यता के साथ इसके इतिहास को जोड़ते हैं।
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