उत्तर प्रदेश में है विकास की अपार संभावनाएं
देश का सबसे बड़ा राज्य। बीस करोड़ की आबादी। आबादी के लिहाज से इस सूबे को अगर दुनिया के नक्शे पर रखकर देखा जाए तो पांचवां सबसे बड़ा देश। राजनीतिक नजरिये से भी सबसे ज्यादा मजबूत। देश की सबसे बड़ी पंचायत में कुल सदस्यों (542) में
देश का सबसे बड़ा राज्य। बीस करोड़ की आबादी। आबादी के लिहाज से इस सूबे को अगर दुनिया के नक्शे पर रखकर देखा जाए तो पांचवां सबसे बड़ा देश। राजनीतिक नजरिये से भी सबसे ज्यादा मजबूत। देश की सबसे बड़ी पंचायत में कुल सदस्यों (542) में 80 इसी राज्य से जाते हैं। देश को आठ-आठ प्रधानमंत्री देने का श्रेय भी इसी राज्य को। ऐसा भी नहीं कि यहां की जमीन बंजर है, सोना उगलने की क्षमता है उसमें। लेकिन विडम्बना है कि देश चौथे सबसे बड़े साफ्टवेयर निर्यातक इस सूबे में साक्षरता राष्ट्रीय औसत से भी नीचे है। 100 में केवल 70 लोग ही अपना नाम लिख पाते हैं। मानव विकास के पैमाने पर उत्तार भारत का सबसे फिसड्डी राज्य है।
संभावना
उत्तार प्रदेश को उत्ताम प्रदेश बनाना है, जहां बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं हों, जहां किसी के माथे पर निरक्षर होने का कलंक न हो, जहां न केवल कृषि उत्पादन बढ़े बल्कि किसानों को आर्थिक तंगी से मजबूर होकर आत्महत्या न करनी पड़े, जहां बिजली संकट और खराब कानून-व्यवस्था उद्यमियों को निवेश के लिए सूबे में आने का रास्ता न रोकने पाए। ऐसा नहीं कि हालात बदल नहीं सकते, जरूरत है मजबूत इच्छा शक्ति की। हम मौजूदा संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल कर ही उप्र की तस्वीर बदल सकते हैं। हम अपनी राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल कर उप्र के लिए केंद्र से और ज्यादा सुविधाएं ले सकते हैं। हम समाजिक समरसता पैदा कर विकास की गाड़ी को और तेज दौड़ा सकते हैं।
मुहिम
हम जनता की आकांक्षा को आवाज देंगे। हम वह प्लेटफार्म उपलब्ध कराएंगे जहां दलीय प्रतिबद्धता को दरकिनार कर सभी दलों के लोग आएंगे और सुझाएंगे रास्ता कि कैसे विकास का मार्ग प्रशस्त किया जा सके। जो अब तक हुआ, उसको लेकर स्यापा करना हमारा मकसद नहीं, हम चाहते हैं कि अपने सूबे के लिए तरक्की की राह खुले। देखें कल का अंक।
जनमत
क्या उत्तार प्रदेश के पिछडे़पन की मुख्य वजह राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव है?
हां 85 फीसद
नहीं 15 फीसद
विकास का नारा क्या राजनीतिक दलों के लिए वोट पाने का जरिया बन कर रह गया है?
हां 95 फीसद
नहीं 5 फीसद
आपकी आवाज
यूपी के पिछड़ेपन की मुख्य वजह है कि सूबे में 2004 से अब तक नकल माफिया राज कायम है इसलिए यहां की युवा पीढ़ी राजनीतिक पहलुओं से काफी दूर है। -कमलशील 1020 जीमेल.कॉम
उत्तार प्रदेश के पूर्वी भाग का पिछड़ापन दूर करने के लिए वहां नये राज्य के सृजन की राजनीतिक इच्छाशक्ति जरूरी है। -गौरीशकर 1054 रेडिफमेल.कॉम
चुनाव के वक्त ही हमारे नेताओं को वोट देने वाली जनता और अपने क्षेत्र की बदहाली की याद आती है। सड़क, शिक्षा, सुरक्षा, चिकित्सा, कृषि, बिजली, पानी हर मूलभूत आवश्यकता वाली चीजों में उत्तार प्रदेश उत्ताम बनने के लिए अपने नेताओं पर आशा भरी उम्मीद टिकाए हुए है पर उन्हें राजनीति से फुर्सत नहीं है। भोली जनता आश्वासन पाकर ही आश्वस्त हो जाती है। -वंदनाएलकेओवेस्ट जीमेल.कॉम
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