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इस जिले को प्रकृति ने भरपूर हरियाली से नवाजा है

तराई की गोद में बसे इस जिले प्रकृति के भरपूर हरियाली से नवाजा है। शहर के किनारे बहने वाली खकरा एवं देवहा नदियों के संगम को पर्यटन केंद्र बनाने के प्रोजेक्ट में अमल हो जाए तो नदियां प्रदूषण मुक्त होने के साथ ही शहर की खूबसूरती में चार चांद लग जाएंगे। इसके लिए पहले सीवरेज प्लांट लगना जरूरी है। शहर के किनारे बहने वाली देवहा

By Edited By: Published: Thu, 27 Sep 2012 02:48 PM (IST)Updated: Thu, 27 Sep 2012 02:55 PM (IST)
इस जिले को प्रकृति ने भरपूर हरियाली से नवाजा है

पीलीभीत। तराई की गोद में बसे इस जिले प्रकृति के भरपूर हरियाली से नवाजा है। शहर के किनारे बहने वाली खकरा एवं देवहा नदियों के संगम को पर्यटन केंद्र बनाने के प्रोजेक्ट में अमल हो जाए तो नदियां प्रदूषण मुक्त होने के साथ ही शहर की खूबसूरती में चार चांद लग जाएंगे। इसके लिए पहले सीवरेज प्लांट लगना जरूरी है।

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शहर के किनारे बहने वाली देवहा एवं खकरा नदियों में प्रदूषण बढ़ रहा है। इसका प्रमुख कारण शहर के गंदे नाले नदियों में मिलने के साथ ही कूड़ा निस्तारण की समुचित व्यवस्था न होना है। कई महीने पहले सेव इन्वायरंमेंट सोसायटी की ओर से तत्कालीन जिलाधिकारी को खकरा नदी पुल से लेकर देवहा नदी के ब्रह्मचारी घाट तक नदी के दोनों ओर पत्थर लगवाकर पिचिंग कराने, सोलर लाइटें लगवाने का प्रोजेक्ट बनाकर दिया गया था लेकिन इसी बीच डीएम का तबादला हो गया।

गोमती का उद्गम भी खास-

लखनऊ की शान कहलाने वाली गोमती नदी का उद्गम स्थल इसी जिले के माधोटांडा में है लेकिन यह नदी सूखती जा रही है। इसकी धारा को अविरल में कल.कल.लाने के लिए तीन करोड़ की धनराशि भी असर नहीं दिखा सकी। नदी को चौड़ा करने के साथ ही नहर से पानी छोड़कर प्रवाह को अविरल बनाने का काम शुरू हुआ लेकिन पूरा होने से पहले ही बजट की समस्या आड़े आ गई।

[समस्या]

जंगल में रुके अवैध कटान-

जिले में 71 हजार 218 हेक्टेयर क्षेत्रफल में प्राकृतिक जंगल है। बाघों समेत अन्य दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों की बहुतायत है। मगर जंगल में लकड़ी के अवैध कटान पर प्रभावी ढंग से अंकुश नहीं लग पा रहा है। प्रभागीय वनाधिकारी एके सिंह कहते हैं कि अवैध कटान एवं शिकार रोकने के प्रयास जारी हैं।

पौधारोपण की स्थिति-

वर्ष : 11 : 741 हेक्टेयर

वर्ष 12 : 572 हेक्टेयर

वर्ष 13 : 707 हेक्टेयर [प्रस्तावित]

इसके अलावा जंगल में 2400 हेक्टेयर क्षेत्र में कीमती साल के पौधों का प्राकृतिक पुनर्उत्पादन कराया गया।

हरियाली बिखेरेंगे 60 पौधे-

सामाजिक वानिकी विभाग की ओर से इस साल वन महोत्सव के दौरान पीलीभीत-पूरनपुर रोड पर पांच हेक्टेयर तथा टनकपुर रोड पर दो हेक्टेयर क्षेत्र में सड़कों के किनारे पौधे लगाए गए हैं। अमरिया क्षेत्र में 11 हेक्टेयर, मरौरी व ललौरीखेड़ा में तीन-तीन हेक्टेयर क्षेत्रफल में पौधारोपण कराया गया है।

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