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मशीनों से शिल्पकारी हो तो चमके शजर उद्योग

केन नदी की कोख से निकलने वाला शजर पत्थर की खूबसूरती विदेशियों को भी खूब भाई है। मिश्र, ईरान व अफगानिस्तान में यहा के शिल्पकारों द्वारा तैयार किए गए शजर पत्थर की माग इतनी अधिक है कि आपूर्ति नहीं हो पा रही है। आधुनिक मशीनों से शिल्पकारी हो तो इस उद्योग को उड़ान मिल सकती है। विदेशी मुद्रा से देश का खजाना भरेगा।

By Edited By: Published: Fri, 12 Oct 2012 10:44 AM (IST)Updated: Fri, 12 Oct 2012 11:06 AM (IST)
मशीनों से शिल्पकारी हो तो चमके शजर उद्योग

बादा। केन नदी की कोख से निकलने वाला शजर पत्थर की खूबसूरती विदेशियों को भी खूब भाई है। मिश्र, ईरान व अफगानिस्तान में यहा के शिल्पकारों द्वारा तैयार किए गए शजर पत्थर की माग इतनी अधिक है कि आपूर्ति नहीं हो पा रही है। आधुनिक मशीनों से शिल्पकारी हो तो इस उद्योग को उड़ान मिल सकती है। विदेशी मुद्रा से देश का खजाना भरेगा।

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शजर पत्थर भारत में केवल केन नदी के किनारे ही पाया जाता है। इस पत्थर को तराशने का कार्य विशेषज्ञ कारीगरों द्वारा परंपरागत विधि से किया जाता है। धनुष की आकृति की लकड़ी में स्टील का तार बंधा होता है जिसे कमान करते हैं। शजर पत्थर को लकड़ी के स्टैंड में रखकर कमान और सिलिकान कार्बाइड पाउडर की सहायता से दो से चार सेमी.की पतली पट्टिकाओं में काटे जाते हैं। ग्लाइंडर से घिस कर चिकना कर जब इसमें पालिश की जाती है तो प्राकृतिक तस्वीर वृक्ष, शाखाएं, ऊं, त्रिशूल व बतख की आकृति उभरकर आ जाती हैं। पत्थर को देखने से ऐसा लगता है जैसे कैमरे से फोटो खींचे गए हों।

बादा में शजर शिल्पकारी का इतिहास वर्ष 1857 से पूर्व का है। पं.जेएन डिग्री कालेज अर्थशास्त्र विभाग के प्रवक्ता पीताबर सिंह ने इस पर हुए शोध में बताया कि यह शिल्पकारी भारत ही नहीं पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। शजर पत्थर केन नदी की तलहटी में पाया जाता है। इसके अलावा नर्मदा नदी के निकट मध्य प्रदेश में हरदा जिले में भी मिलता है। दो दशक पूर्व मिश्र, ईरान, अफगानिस्तान आदि देशों में शजर की विशेष माग थी। जिसका मुख्य कारण इसका अद्भुत रूप था और इस पत्थर को पवित्रता व शक्ति का प्रतीक माना जाता है। उन्होंने कहा कि शजर उद्योग की व्यापक संभावनाएं हैं। सरकार से पर्याप्त सुविधाएं, बाजार व वित्तीय मदद प्राप्त हो जाए तो शजर आभूषणों की अलग ही पहचान बन जाए।

बादा जैसे पिछड़े एवं उद्योग शून्य जनपद में शजर उद्योग को बढ़ावा देने से औद्योगिक विकास में सहायता मिलेगी। बेरोजगारी एवं आर्थिक विषमता घटाने में भी मदद मिलेगी। शजर व्यवसाय को सुविधाएं मिलने पर विदेशी व्यापार द्वारा विदेशी मुद्रा अर्जित करने की पूरी संभावनाएं हैं।

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