लोकतंत्र पर आस्था से ही विश्व में हमारा कद ऊंचा हुआ
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को संसद की पहली बैठक के साठ वर्ष पूरे होने के अवसर पर संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए सभी सांसदो और देशवासियो को बधाई दी। उन्होने इस दौरान आए उतार-चढ़ाव की चर्चा करते हुए कहा कि हमे भविष्य मे नया अध्याय लिखना है। मनमोहन सिंह ने राज्यसभा मे अपने संबोधन के दौरान कहा कि उन्हे अपने 21 वर्षो से राज्यसभा का सदस्य होने पर गर्व है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को संसद की पहली बैठक के साठ वर्ष पूरे होने के अवसर पर संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए सभी सांसदों और देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने इस दौरान आए उतार-चढ़ाव की चर्चा करते हुए कहा कि हमें भविष्य में नया अध्याय लिखना है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र पर विश्वास और आस्था की वजह से ही विश्व में हमारा कद ऊंचा हुआ है। मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा कि उन्हें अपने 21 वर्षो से राज्यसभा का सदस्य होने पर गर्व है।
इस अवसर पर सोनिया गांधी ने कहा कि आज का लोकतंत्र आम आदमी का लोकतंत्र है। उन्होंने कहा कि इन साठ सालों में आम आदमी के देखे सपने सच हुए और यह संसद उसकी गवाह बनी है। उन्होंने कहा कि जनता की सबसे बड़ी ताकत यही संसद है जिसने ऐसे कानून बनाए जिनकी बदौलत आम आदमी को फायदा हुआ देश का विकास संभव हुआ।
प्रणब मुखर्जी ने संसद की आगामी चुनौतियों के बारे में बात की। इन साठ वर्षो में उन्होंने बहुत कुछ बदलते देखा। उन्होंने कहा कि अभी भारत को बहुत आगे जाना है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने संसदीय लोकतंत्र की सराहना करते हुए कहा कि इसी राह पर चलते हुए भारत जल्द ही विश्व शक्ति बनेगा। उन्होंने कहा कि भारत ने साठ वर्षो तक सफल लोकतंत्र बनाए रखा है जिस पर हम गर्व कर सकते हैं।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि इन 60 सालों में विपरित हालातों में भी देश में लोकतंत्र की स्थिति मजबूत हुई। मायावती ने बाबा भीमराव अंबेडकर को याद करते हुए संसद की कामयाबी का श्रेय उन्हें दिया।
रविवार को शाम चार बजे राष्ट्रपति संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगी। इस मौके पर पहली लोकसभा के सदस्य रिशांग कीशिंग, रेशम लाल जांगिड़ और केएस तिलक को सम्मानित किया जाएगा। मणिपुर के कीशिंग वर्तमान में राज्यसभा सदस्य हैं।
ज्ञात हो कि लोकसभा और राज्यसभा के पहले सत्र की शुरुआत 13 मई 1952 को हुई थी और इसी मौके को यादगार बनाने के लिए इस विशेष सत्र का आयोजन किया गया है।
शाम 4.00 बजे से संसद के सेंट्रल हाल में समारोह का आयोजन होगा। राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और मीरा कुमार दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करेंगे। शाम को दोनों सदनों के संयुक्त सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से होगा।
इस मौके पर राष्ट्रपति 5 और 10 रुपये के सिक्के और 10 रुपये के विशेष डाक टिकट जारी करेंगी। साथ ही संसदीय लोकतंत्र को यादगार बनाने के लिए राष्ट्रपति कुल आठ पुस्तकों का विमोचन करेंगी। शाम को विख्यात संतूर वादक शिवकुमार शर्मा, देबू चौधरी, कर्नाटक संगीत के कलाकार महाराजा रामचंद्रन, शुभा मुद्गल और इकबाल खान अपनी प्रस्तुति पेश करेंगे। कई देशों के राजदूत भी जश्न के गवाह बनेंगे।
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