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गुजरात में किसान क्यों कर रहे सुसाइड

संप्रग और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को गुजरात में राजकोट के रेसकोर्स मैदान में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने जनसभा में लोगों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) पर भी समर्थन मांगा।

By Edited By: Published: Wed, 03 Oct 2012 07:31 AM (IST)Updated: Wed, 03 Oct 2012 05:44 PM (IST)
गुजरात में किसान क्यों कर रहे सुसाइड

अहमदाबाद। नरेंद्र मोदी के गढ़ माने जाने वाले राजकोट में आज सोनिया गांधी शेरनी की तरह दहाड़ीं। उन्होंने रेसकोर्स मैदान में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने जनसभा में लोगों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) पर भी समर्थन मांगा। इस जनसभा को कांग्रेस अध्यक्ष के राज्य में विधानसभा चुनावों की तैयारी के तौर पर लिया जा रहा है। उन्होंने नरेंद्र मोदी पर ये सवाल दागे हैं :

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-गुजरात में लोकायुक्त बहाली क्यों नहीं की गई है?

- गुजरात सरकार सब्सिडी वाले सिलेंडरों की संख्या 9 क्यों नहीं करती?

- गुजरात सरकार राज्य में वैट क्यों नहीं कम करती है।

- सौराष्ट्र में आज तक पानी क्यों नहीं पहुंचा है?

- गुजरात में महिलाएं असुरक्षित क्यों है?

- गुजरात को ज्यादा फंड पर विकास कम क्यों?

- गुजरात के किसानों को अनाज के पूरे दाम क्यों नहीं?

सोनिया ने कहा की काग्रेस ने गुजरात के विकास की नींव रखी है। एफडीआई के समर्थन के लिए सोनिया ने लोगों को समझाया की राच्य सरकार को ये अधिकार दिया गया है कि वे अपने राच्य में एफडीआई लागू करे या नहीं। एफडीआई पर बवाल करने के लिए राच्य सरकार को भी कोसा। बीजेपी पर हमला बोलते हुए सोनिया ने कहा कि विरोधी सिर्फ बर्बादी की बात करते, बीजेपी भ्रष्टाचार के नहीं काग्रेस के खिलाफ है।

सोनिया ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि गुजरात में उनके विरोधी बड़ी बड़ी बातें जरूर करते हैं लेकिन हकीकत यह है कि उन्होंने कुछ नहीं किया है। उन्होंनें कहा कि गुजरात में जो कुछ हुआ वह कांग्रेस के शासन काल में ही हुआ है। मोदी शासन पर आरोप लगाते हुए उन्होंने किसानों की आत्महत्या के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि सौराष्ट्र पानी को तरस रहा है। यहां के किसान आत्महत्या करने को मजबूर है और राज्य सरकार उनके ऊपर जुल्म ढहाने से पीछे नहीं हट रही है।

केंद्र सरकार ने राज्य सरकार एनडीए सरकार के मुकाबले यहां के विकास को पचास फीसद ज्यादा पैसा दिया है। इसके बावजूद राज्य सरकार केंद्र पर आरोप लगाती रहती है।

सोनिया ने इस रैली में अपने विरोधियों पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भारत को तेल विदेशों से खरीदना पड़ता है। जो तेल एनडीए सरकार में 32 रुपये का आता था आज उसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 144 रुपये तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी सरकार ने आम आदमी को देखते हुए महंगाई रोकने के जितने प्रयास किए हैं ऐसा पहले की सरकार ने कभी नहीं किया। उन्होंने मोदी को आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगाया कि उनके राज्य में महिलाओं का अपमान होता आया है। यहां पर गरीबों पर गोलियां चलाई जाती हैं जिससे कोई राज्य सरकार के खिलाफ आवाज न उठा सके। उन्होंने कहा कि मोदी की कथनी और करनी दोनों में ही फर्क है। उन्होंने भाजपा पर लोकपाल बिल पास न कराने का भी आरोप लगाया। सोनिया ने कहा कि जनता बेहद समझदार है वह किसी के बहकावे में नहीं आती है, और यही जनता आने वाले समय में अपना जवाब देगी।

उधर, सोनिया गाधी की रैली से पहले ही उनके खिलाफ मोर्च खोल दिया गया है। दोपहर में होने वाली रैली से ठीक पहले सोनिया के खिलाफ एक 15 पन्नों की किताब बंटवाई गई है। गुजराती में छपी इस इसमें सोनिया गाधी के खिलाफ करप्शन समेत कई आरोप लगाए गए हैं। रैली स्थल पर यह किताब किसने बंटवाई इसका पता नहीं चल पाया है।

वहीं सोनिया के गुजरात दौरे से पहले फेंकी गई मोदी की सियासी फिरकी पर काग्रेस ने भी आक्रामक अंदाज में वार किया है। इसके बावजूद मोदी न सिर्फ अपने रुख पर अड़े हैं, बल्कि उन्होंने मनमोहन सरकार को सही आकड़े पेश करने की चुनौती देकर जुबानी जंग को और आगे बढ़ा दिया है। काग्रेस ने बीजेपी और मोदी पर फिर तीखा वार तो किया है, लेकिन सोनिया के विदेशी दौरों पर हुए खर्च पर मौन धारण किए हुए है। मोदी ने एक अखबार में छपी रिपोर्ट के आधार पर दावा किया था कि सोनिया गाधी के इलाज के लिए विदेश दौरों में 1800 करोड़ रुपये से ज्यादा केंद्र सरकार ने खर्च किए।

गौरतलब है कि मोदी ने दो दिन पहले सोनिया के विदेश दौरों पर सरकार पर वार किया था। उन्होंने कहा था कि सरकार ने सोनिया की निजी यात्रा पर करीब 1800 करोड़ रुपये खर्च किए। हालांकि बाद में वह अपने इस बयान पर बैकफुट पर भी नजर आए थे। बाद में उन्होंने तर्क दिया कि उन्होंने यह बयान अखबार में छपी खबर के हवाले से दिया था और यदि इसमें सच्चाई नहीं होगी तो वह सोनिया से माफी मांग लेंगे।

राजकोट के रेसकोर्स मैदान में होने वाली सभा के लिए प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया दो दिन से वहा डेरा डाले हुए थे। वहीं पोरबंदर के सासद विट्ठल रादडिया ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। रादडिया का दावा है कि सोनिया की सभा में करीब तीन लाख लोगों को एकत्र करेगे। हालांकि उन्होंने इसको कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत मानने से साफ इंकार किया है। उन्होंने कहा कि यह उनकी निजी यात्रा है, उनका राजकोट और सौराष्ट्र आने का मन काफी समय से था। उनके मुताबिक सोनिया यहां पहले दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ आई थीं। इस बीच शहर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

सोमवार को ही यहां विशेष सुरक्षा दस्ते की एक टीम पहुंच गई थी। करीब एक हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती सभा स्थल पर की गई है। पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में काग्रेस ने प्रचार की शुरुआत दक्षिण गुजरात से की थी। लेकिन इस बार सौराष्ट्र में सरकार के खिलाफ नाराजगी का भरपूर फायदा उठाने के लिए चुनाव प्रचार की शुरुआत राजकोट के ऐतिहासिक रेसकोर्स मैदान से करेगी। सोनिया सुबह 10:30 बजे पहुचते ही पहले रामकृष्ण मिशन जाएंगी। इसके बाद वह गाधी जी का डेला भी जाएंगी, जहा उन्होंने बचपन के 12 साल बिताए थे।

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