Move to Jagran APP

उत्तर प्रदेश की संस्कृति

तीसरी सदी ईसा पूर्व में मौर्य साम्राज्य के उदय ने कला के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा। सारनाथ का प्रस्तर स्तंभ इसका अप्रतिम उदाहरण है। कुषाण युग में मथुरा स्थापत्य कला अपने शिखर पर पहुंच गई है। बुद्ध की मूर्तियां उस दौर के सबसे महत्वपूर्ण कला कृतियां हैं। कला की दृष्टि से गुप्त युग के इतिहास में स्वर्ण युग का दर्जा प्राप्त है।

By Edited By: Published: Tue, 02 Oct 2012 01:29 PM (IST)Updated: Wed, 03 Oct 2012 11:02 AM (IST)
उत्तर प्रदेश की संस्कृति

लखनऊ। तीसरी सदी ईसा पूर्व में मौर्य साम्राज्य के उदय ने कला के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा। सारनाथ का प्रस्तर स्तंभ इसका अप्रतिम उदाहरण है। कुषाण युग में मथुरा स्थापत्य कला अपने शिखर पर पहुंच गई है। बुद्ध की मूर्तियां उस दौर के सबसे महत्वपूर्ण कला कृतियां हैं। कला की दृष्टि से गुप्त युग के इतिहास में स्वर्ण युग का दर्जा प्राप्त है। देवगढ़ का पत्थर मंदिर और भीतर गांव का मंदिर उस युग की महत्वपूर्ण उपलब्धियां हैं। चंदेल शासकों द्वारा निर्मित कालिंजर किला को अभेद्द दुर्ग माना जाता है। शर्की साम्राज्य के शासक इब्राहीम शर्की ने 1408 में जौनपुर में प्रसिद्ध अटाला मस्जिद का निर्माण कराया था। मुगल शासन के दौरान स्थापत्य कला शिखर पर पहुंच गई। फतेहपुर-सीकरी, आगरा किला, सिकंदरा में अकबर का मकबरा और इलाहाबाद किला स्थापत्य कला के अदभुत नमूने हैं। शाहजहां द्वारा बनवाया गया ताजमहल दुनिया के सात आश्चर्यो में शामिल है। अवध के नवाबों ने भी कला को प्रोत्साहन दिया। लखनवी शैली में बनाया गया आसफउद्दौला द्वारा निर्मित बड़ा इमामबाड़ा इसका प्रतिनिधि हस्ताक्षर है।

loksabha election banner

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.