मनमोहन के भोज में शामिल नहीं होंगी ममता
प्रधानमत्री द्वारा केद्र मे सप्रग-दो के शासन के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य मे गठबधन के सासदो और नेताओ के लिए आयोजित किए जाने वाले रात्रिभोज मे तृणमूल काग्रेस अध्यक्ष और पश्चिम बगाल की मुख्यमत्री ममता बनर्जी शामिल नही होगी।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री द्वारा केंद्र में संप्रग-दो के शासन के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में गठबंधन के सांसदों और नेताओं के लिए आयोजित किए जाने वाले रात्रिभोज में तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं हाेंगी।
रेल मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के अखिल भारतीय महासचिव मुकुल राय ने कोलकाता में बताया कि ममता को 'निजी आमंत्रण' भेजा गया है, लेकिन राज्य में पहले से तय कार्यक्रम के कारण वह रात्रिभोज में शामिल नहीं हो पाएंगी। ममता के करीबी सहयोगी राय ने कहा कि पार्टी के दूसरे सांसदों के साथ वह रात्रिभोज में शामिल होंगे।
बसपा ने किया किनारा बसपा का केंद्र की संप्रग सरकार को समर्थन जरूर है, लेकिन वह उसकी नाकामियों का साझीदार नहीं बनना चाहती। संप्रग-2 बीते तीन साल में जिसे अपनी सफलता की कहानी बता रहा है, बसपा उसे भी उसकी विफलताओं से जोड़कर देख रही है। यही वजह है कि वह संप्रग के तीन साल के कामयाब सफर पर प्रधानमंत्री की ओर से दिए गए रात्रिभोज से भी खुद को दूर ही रखना चाहती है।
बसपा प्रमुख मायावती केंद्र सरकार पर वक्त-जरूरत आए संकट पर उसे बचाने के लिए भले ही खड़ी हो जाती हों, लेकिन वह उसके पूरे कामकाज से सहमत नहीं हैं। बीते तीन वर्ष में कई तरह के घपले-घोटालों और भ्रष्टाचार को लेकर केंद्र कई बार सवालों के घेरे में रहा है। बावजूद इसके बसपा को कई बार प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उसकी मदद करनी पड़ी है। तर्क यह है कि सांप्रदायिक ताकतों के हाथ में सत्ता जाने से बचाने के लिए उसे न चाहते हुए भी केंद्र का समर्थन करना पड़ता है, लेकिन यदि प्रधानमंत्री के रात्रिभोज में बसपा शिरकत नहीं करती तो सरकार पर उससे कोई खतरा नहीं आने वाला। लिहाजा खुद बसपा प्रमुख और उनकी पार्टी की तरफ से कोई भी सदस्य प्रधानमंत्री के भोज में शामिल नहीं होगा।
सपा ने स्वीकारा निमंत्रण
सपा ने रात्रिभोज के न्योते को स्वीकार किया है। खुद मुलायम या फिर पार्टी के अन्य प्रमुख नेता रात्रिभोज में शामिल होंगे। सपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने सांप्रदायिक ताकतों को दूर रखने के लिए ही संप्रग को समर्थन दिया है। दूसरे जरूरी मुद्दों पर पार्टी ने सरकार का हमेशा संसद में और उसके बाहर खुलकर विरोध किया है। भोज में शामिल होने का मतलब यह कतई नहीं कि पार्टी उसके गलत कार्यो में भी उसके साथ है।
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