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लखनऊ : अवस्थापना की बुनियाद पर खड़ा होगा तरक्की का ढाचा

सर्वागीण आर्थिक और सामाजिक उन्नति के लिए अवस्थापना विकास अपरिहार्य है। बुनियादी ढाचे में कमी होने से अन्य संसाधनों के उपलब्ध होने के बाद भी समय व मूल्य की हानि होती है और आर्थिक प्रगति में बाधाएं उत्पन्न होती हैं।

By Edited By: Published: Wed, 10 Oct 2012 03:04 PM (IST)Updated: Thu, 11 Oct 2012 01:49 PM (IST)
लखनऊ : अवस्थापना की बुनियाद पर खड़ा होगा तरक्की का ढाचा

लखनऊ। सर्वागीण आर्थिक और सामाजिक उन्नति के लिए अवस्थापना विकास अपरिहार्य है। बुनियादी ढाचे में कमी होने से अन्य संसाधनों के उपलब्ध होने के बाद भी समय व मूल्य की हानि होती है और आर्थिक प्रगति में बाधाएं उत्पन्न होती हैं। सड़कें, परिवहन, हवाई अड्डे, बिजली, दूरसंचार, माल गोदाम, शीतगृह, लॉजिस्टिक्स पार्क, कोल्ड-चेन आदि भौतिक अवस्थापना सुविधाओं के विकास से औद्योगिक और सेवा क्षेत्र की विकास दर में वृद्धि होती है।

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वहीं आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने से रोजगार के नवीन अवसर सृजित होते हैं। इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति 2012 में उत्कृष्ट अवस्थापना विकास सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। नई नीति में अवस्थापना विकास में सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पीपीपी) के प्रोत्साहन के लिए कई उत्प्रेरक व्यवस्थाएं की गई हैं।

कहा जाता है कि यदि यातायात की गति दोगुनी हो तो विकास की रफ्तार तीन गुनी हो जाती है। इसीलिए अब यह निर्णय किया गया है कि राज्य के प्रत्येक जिला मुख्यालय को चार-लेन की सड़कों से जोड़ा जाए। यातायात के बढ़ते दबाव के मद्देनजर राजकीय राजमागरें को चौड़ा करने के साथ-साथ सुदृढ़ भी किया जाएगा। एक से दूसरे शहर जाने के लिए तीव्रगति परिवहन सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से विश्वस्तरीय एक्सप्रेसवे, शहरों के अंदर सुगम और सुचारु परिवहन के लिए इको-फ्रेंडली मेट्रो, बस रैपिड ट्राजिट सिस्टम स्थापित करने की कवायद चल रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग विकास कार्यक्रम की तर्ज पर राज्य राजमार्ग विकास कार्यक्रम बनाया जा रहा है। चार वषरें में लगभग रु. 20,000 करोड़ के निवेश से राज्य के रोड नेटवर्क को मजबूत बनाने का काम किया जाएगा। आगरा से लखनऊ तक प्रवेश-नियंत्रित ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण की प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है। यह लगभग 270 किमी. लंबा होगा तथा यमुना एक्सप्रेस-वे के पास आगरा की प्रस्तावित रिंग रोड से शुरू होकर लखनऊ की आतरिक रिंग रोड पर खत्म होगा।

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए परामर्शी के चयन की प्रक्रिया चल रही है। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से आगरा से लखनऊ की दूरी को सात के बजाय तीन घटे में तय की जा सकेगी। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे को यमुना एक्सप्रेस वे से जोड़ा जाएगा। गाजियाबाद में चार लेन वाली प्रवेश नियंत्रित ग्रीनफील्ड नार्दर्न पेरिफेरल रोड परियोजना के विकास के लिए परामर्शी चुन लिया गया है। इस परियोजना को पीपीपी मॉडल के आधार पर विकसित किया जाएगा। यह रोड लोनी क्षेत्र में राजकीय राजमार्ग 57 (सहारनपुर रोड) से शुरू होगी और राष्ट्रीय राजमार्ग 58 (मेरठ रोड) के बीच से होते हुए डासना में राष्ट्रीय राजमार्ग 24 (लखनऊ रोड) तक बनेगी। आगरा इनर रिंग रोड को पीपीपी मोड पर बिड करके बनाया जाएगा। इस योजना के लिए आगरा विकास प्राधिकरण को नोडल एजेंसी बनाया गया है। इस रिंग रोड के विकास के लिए विकासकर्ताओं से शीघ्र ही बिड आमंत्रित की जाएगी। आगरा और कुशीनगर में अंतर्राष्ट्रीय हवाई-अड्डे बनाने की प्रक्त्रिया शुरू हो चुकी है जिससे पर्यटन को अभूतपूर्व बढ़ावा मिलेगा। राजधानी लखनऊ में बस रैपिड ट्राजिट सिस्टम की स्थापना से सार्वजनिक परिवहन को सुगम बनाने के लिए एक नया प्रयोग किया जा रहा है। दिल्ली से गाजियाबाद तक मेट्रो का विस्तार करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। खेल और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लखनऊ में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम, नोएडा में नाइट सफारी और आगरा-फतेहपुर सीकरी क्षेत्र में पर्यटन के नये केंद्र विकसित करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर परियोजनाएं राज्य के अवस्थापना विकास में मील का पत्थर साबित होंगी। इन परियोजनाओं के एलाइनमेंट पर पहले से स्थापित औद्योगिक क्षेत्रों को लाभ व नये औद्योगिक तथा लॉजिस्टिक हब बनाकर औद्योगिक विकास का एक नया दौर शुरू होगा। कानपुर और हरदोई जिले में दो मेगा लेदर क्लस्टर पार्क, लखनऊ में एक आइटी पार्क और आइटी सिटी, औरैया में प्लास्टिक सिटी, आदि कुछ ऐसी महात्वाकाक्षी औद्योगिक अवस्थापना विकास परियोजनाएं हैं जो प्रदेश की औद्योगिक तरक्की को पटरी पर लाने का काम करेंगी। आर्थिक गतिविधि और प्रगति रफ्तार पकड़ेगी और रोजगार सृजन के नये रास्ते खुलेंगे। खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए जहा नई नीति बनायी जा रही है, वहीं दुग्ध उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राजधानी में एक वृहद डेयरी संयंत्र की स्थापना का निर्णय किया गया है।

डॉ.अनिल कुमार गुप्ता

अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त

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