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ढाचा बदले तो बदले रफ्तार..

मैनपुरी के बुनियादी ढांचे में बदलाव लाने के लिए मैनपुरी के कई मार्गों का फेर लेन करना होगा। दिल्ली से कानपुर जाने वाली कुछ ट्रेन वाया मैनपुरी चलानी होंगी। मैनपुरी जनपद के बुनियादी ढाचे को मजबूत बनाने के लिए सबसे पहले यातायात के संसाधनों को विकसित करना होगा।

By Edited By: Published: Mon, 01 Oct 2012 09:06 AM (IST)Updated: Mon, 01 Oct 2012 09:14 AM (IST)
ढाचा बदले तो बदले रफ्तार..

मैनपुरी। मैनपुरी के बुनियादी ढांचे में बदलाव लाने के लिए मैनपुरी के कई मार्गों का फेर लेन करना होगा। दिल्ली से कानपुर जाने वाली कुछ ट्रेन वाया मैनपुरी चलानी होंगी। मैनपुरी जनपद के बुनियादी ढाचे को मजबूत बनाने के लिए सबसे पहले यातायात के संसाधनों को विकसित करना होगा। साथ ही, जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली उन सभी प्रमुख सड़कों को बेहतर बनाना होगा, जो अन्य जनपदों के लिए यातायात का एकमात्र साधन हैं।

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जनपद के सभी 250 से लेकर 500 तक आबादी वाले गावों को सड़कों से जोड़ना होगा। तभी प्रगति का रास्ता खुल सकेगा। पिछड़े जनपदों में शुमार जिले में यातायात के साधनों की कमी होने के कारण औद्योगिक विकास पूरी तरह शून्य है। जनपद किसी भी लिहाज से सीधा महानगरों से नहीं जुड़ा है। जिसके कारण पूंजी निवेश के लिए औद्योगिक घराने इधर रुख नहीं करते। बुनियादी ढाचे को मजबूत करने के लिए मैनपुरी-कानपुर मार्ग, मैनपुरी-दिल्ली मार्ग, मैनपुरी-आगरा तथा मैनपुरी-इटावा वाया लखनऊ मार्ग को फोरलेन बनाना होगा। 200 से अधिक गाव ऐसे हैं, जो अभी तक सीधे जिला मुख्यालय से नहीं जुड़े हैं। अगर इन गावों से जिला मुख्यालय से जोड़ दिया जाता है तो किसानों की उपज मंडी तक आसानी से पहुंच सकेगी तथा किसान कृषि निवेश खरीदने के लिए मुख्यालय पर आसानी से पहुंच सकेंगे।

वहीं रेल यातायात के नाम जनपद को मात्र एकमात्र कालिंदी एक्सप्रेस मिली हुई है। जनपद के व्यापारी हर रोज दिल्ली, आगरा, कानपुर जाने का सपना तो देखते हैं, परंतु ये सपना ट्रेनों के अभाव में पूरा नहीं हो पा रहा है। जनपद को सीधा दिल्ली के साथ ही आगरा से से जोड़ने के लिए फिर से मेट्रो सिटी ट्रेन शुरू करनी होगी। इसके अलावा दिल्ली से इटावा होकर लखनऊ जाने वाली दर्जनों ट्रेनों में से आधा दर्जन मैनपुरी से फर्रुखाबाद होकर भेजनी होंगी। मृत पड़े कुछ उद्योगों को जीवित करने के लिए विशेष पैकेज देना होगा। साथ ही कृषि उपज पर आधारित नए उद्योग स्थापित करने के लिए 12वीं पंचवर्षीय योजना में धन की अतिरिक्त व्यवस्था करनी होगी। जनपद में सैकड़ों लोगों के सिर पर आज भी छत नहीं है। ऐसे लोगों को मकान मुहैया कराने के लिए आवासीय योजना का शुभारंभ करना होगा। केंद्र सरकार में रक्षामंत्री रहे सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के प्रयासों से वर्ष 2004 में मैनपुरी-गुना रेल मार्ग स्वीकृत हुआ। परंतु उसके बाद कोई भी ऐसा प्रयास नहीं किया गया, जिसके तहत जनपद का यातायात से जुड़ा बुनियादी ढाचा मजबूत हो सकता। परंतु अब पुन: प्रदेश में सपा की सरकार बनने के बाद लोगों को उम्मीदें हैं कि बुनियादी ढाचा मजबूत होगा। औद्योगिक विकास के साथ ही यातायात के संसाधन भी विकसित होंगे।

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