साठ साल की हो गई भारतीय संसद
भारतीय संसद 60 साल की हो गई है। हीरक जयंती को यादगार बनाने के लिए रविवार को लोकसभा और राज्यसभा के विशेष सत्र मे संसदीय लोकतंत्र की उपलब्धियों को याद करने के साथ ही भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा होगी। इस मौके पर पहली लोकसभा के सदस्य रिशांग कीशिंग, रेशम लाल जांगिड़ और केएस तिलक को सम्मानित किया जाएगा। मणिपुर के कीशिंग वर्तमान मे राज्यसभा सदस्य है।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। भारतीय संसद 60 साल की हो गई है। हीरक जयंती को यादगार बनाने के लिए रविवार को लोकसभा और राज्यसभा के विशेष सत्र में संसदीय लोकतंत्र की उपलब्धियों को याद करने के साथ ही भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा होगी। इस मौके पर पहली लोकसभा के सदस्य रिशांग कीशिंग, रेशम लाल जांगिड़ और केएस तिलक को सम्मानित किया जाएगा। मणिपुर के कीशिंग वर्तमान में राज्यसभा सदस्य हैं।
ज्ञात हो कि लोकसभा और राज्यसभा के पहले सत्र की शुरुआत 13 मई 1952 को हुई थी और इसी मौके को यादगार बनाने के लिए इस विशेष सत्र का आयोजन किया गया है। लोकसभा में सत्र की शुरुआत अध्यक्ष मीरा कुमार करेंगी, जबकि राज्यसभा में सभापति हामिद अंसारी का पहला भाषण होगा। इसके बाद सभी प्रमुख दलों के नेता सत्र को संबोधित करेंगे। 4-5 घंटे तक चलने वाली इस चर्चा में जाहिरा तौर पर पूर्व के उन सदस्यों और परंपराओं का जिक्र किया जाएगा जिन्होंने संसदीय इतिहास को ऊंचाई पर पहुंचाया है।
शाम 5.30 बजे से संसद के सेंट्रल हाल में समारोह का आयोजन होगा। राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और मीरा कुमार दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करेंगे। शाम को दोनों सदनों के संयुक्त सत्र की शुरूआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से होगी। इस मौके पर राष्ट्रपति 5 और 10 रुपये के सिक्के और 10 रुपये के विशेष डाक टिकट जारी करेंगी। साथ ही संसदीय लोकतंत्र को यादगार बनाने के लिए राष्ट्रपति कुल आठ पुस्तकों का विमोचन करेंगी। शाम को विख्यात संतूर वादक शिवकुमार शर्मा, देबू चौधरी, कर्नाटक संगीत के कलाकार महाराजा रामचंद्रन, शुभा मुद्गल और इकबाल खान अपनी प्रस्तुति पेश करेंगे। सभी देशों के राजदूत भी जश्न के गवाह बनेंगे।
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