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चीनी निर्यात नीति घोषित करे सरकार: पवार

कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि सरकार को चीनी निर्यात नीति की घोषणा अगले महीने के मध्य तक कर देनी चाहिए। कृषि मंत्री ने कहा कि अक्टूबर से शुरू हो रहे 2011-12 के चीनी वर्ष में बंपर उत्पादन की उम्मीद है।

By Edited By: Published: Tue, 20 Sep 2011 12:23 AM (IST)Updated: Tue, 20 Sep 2011 12:48 AM (IST)
चीनी निर्यात नीति घोषित करे सरकार: पवार

नई दिल्ली। कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि सरकार को चीनी निर्यात नीति की घोषणा अगले महीने के मध्य तक कर देनी चाहिए। कृषि मंत्री ने कहा कि अक्टूबर से शुरू हो रहे 2011-12 के चीनी वर्ष में बंपर उत्पादन की उम्मीद है।

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पवार ने संवाददाताआें से कहा कि हमें निर्यात की अनुमति देनी चाहिए। अक्टूबर से हमें चीनी निर्यात नीति की घोषणा करनी चाहिए। चीनी मिलाें को स्पष्ट संदेश दिया जाना चाहिए कि अगले छह माह में कितनी चीनी का निर्यात होगा।

कृषि मंत्री ने कहा कि अगले साल [अक्टूबर-सितंबर] में चीनी उत्पादन 2.6 करोड़ टन रहने की उम्मीद है। 50 लाख टन के शुरुआती भंडार के साथ कुल स्टाक 3.1 करोड़ टन बैठेगा, जबकि घरेलू मांग 2.2 करोड़ टन की ही है।

सरकार ने चालू चीनी वर्ष में 26 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दी है। इसमें से खुले सामान्य लाइसेंस [ओजीएल] के तहत तीन चरणों में 15 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया शेष 11 लाख टन का निर्यात चीनी मिलाें की अग्रिम लाइसेंस योजना [एएलएस] के तहत उपजे निर्यात दायित्व में किया गया।

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ओजीएल के तहत एक बार में 5,00,000 टन निर्यात की नीति को जारी रखेगी, पवार ने कहा कि हमें इससे ज्यादा निर्यात की अनुमति देनी होगी, अन्यथा भंडारण की समस्या होगी और मिलाें को गन्ना किसानों के भुगतान में भी दिक्कत आएगी।

गन्ने के अधिक उत्पादन के चलते अगले साल देश का चीनी उत्पादन 2.6 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो कि मौजूदा वर्ष में 2.42 करोड़ टन रहा है। कृषि मंत्रालय के पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार 2011-12 के फसल वर्ष में गन्ना उत्पादन बढ़कर 34.22 करोड़ टन पर पहुंच जाने की उम्मीद है, जो इससे पिछले साल 33.91 करोड़ टन रहा था।

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