सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को अहमियत नहीं दी
चुनाव से पूर्व हर पार्टी ये वायदा करती है कि गरीबो को हर तरह की मुफ्त चिकित्सीय सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इसके बावजूद गरीबो को वो सुविधाएं नही मिल पाती, जिसके वे हकदार है। सुविधा न मिलने के कारण लोगो को इलाज के लिए भटकना पड़ता है।
फरीदाबाद [जागरण संवाद केंद्र]। चुनाव से पूर्व हर पार्टी ये वायदा करती है कि गरीबों को हर तरह की मुफ्त चिकित्सीय सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इसके बावजूद गरीबों को वो सुविधाएं नहीं मिल पातीं, जिसके वे हकदार हैं। सुविधा न मिलने के कारण लोगों को इलाज के लिए भटकना पड़ता है। गरीब व लावारिस मरीजों की मदद करने के लिए सक्रिय संस्था जय हिंद सेवा दल के अध्यक्ष राजू बजाज कहते हैं कि किसी भी निजी अस्पताल में गरीबों के इलाज का इंतजाम नहीं है। सरकार की तीन साल की ये नाकामी ही है कि सरकारी अस्पताल में पर्याप्त सेवाएं नहीं हैं तो निजी अस्पतालों में गरीब के लिए कोई जगह नहीं है। सरकार की ये नाकामी ही है कि सरकार ने स्वास्थ्य सेवा को अहमियत नहीं दी।
एक नंबर निवासी शंटी कुमार कहते हैं कि सरकार अगर चिकित्सा सेवा को गंभीरता से लेती तो आम आदमी को बीमार होने पर इलाज आसानी से मिलता, लेकिन ऐसा है नहीं। सरकारी अस्पतालों की लंबी लाइनों से मरीज व परिजन दुखी हैं तो निजी अस्पतालों का महंगा इलाज आम आदमी की पहुंच से बाहर है। पांच नंबर एम. ब्लाक निवासी मनोज कुमार तथा कृष्णावंती कहते हैं कि सरकार की जिम्मेदारी है कि हर वर्ग के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिले, लेकिन इस मामले में कोई गंभीरता नहीं बरती गई।
सेक्टर-55 निवासी राकेश कुमार कहते हैं कि निजी अस्पतालों में इलाज महंगा होने से साबित होता है कि सरकार की मंशा नहीं है कि आम आदमी सुकून से रहे। किसी भी सरकारी अस्पताल में अधिकांश मसलों में आपरेशन संबंधी सेवाएं दुरुस्त नहीं है। पर्याप्त स्टाफ न होने से सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था ठीक नहीं हो पाई है। मजबूरी में मरीजों को बहुत से टेस्ट निजी संस्थानों से महंगे शुल्क पर कराने पड़ रहे हैं।
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