हमारी धरती उगलती है सोना
राज्य की दो तिहाई कार्यक्षमता कृषि के जरिए ही अपना जीवकोपार्जन करती है। उत्तर प्रदेश से चावल, आम, सब्जियों और आलू का बड़े पैमाने पर निर्यात होता है।
राज्य की दो तिहाई कार्यक्षमता कृषि के जरिए ही अपना जीवकोपार्जन करती है। उत्तर प्रदेश से चावल, आम, सब्जियों और आलू का बड़े पैमाने पर निर्यात होता है। राज्य में 485 फल एवं सब्जी प्रसंस्करण यूनिट लगाई गई हैं। राज्य के उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं प्रदान करने के लिए ई-चौपाल मॉडल की व्यवस्था भी की गई है। वित्त वर्ष 2012 में राज्य सरकार ने कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों के लिए 4,496 करोड़ रुपए का बजट तय किया, जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 8.9 फीसदी ज्यादा है। देश में कृषि उत्पादों के निर्यात में यूपी की अहम हिस्सेदारी है।
खाद्यान्न उत्पादन की बात करें तो हमारे राज्य का देश में दूसरा स्थान है। साल 2011 में देश में होने वाले खाद्यान्न उत्पादन में राज्य की 19.54 फीसदी हिस्सेदारी थी।
राज्य चीनी उत्पादन में भी कहीं पीछे नहीं है। पिछले साल के सीजन में उत्तर प्रदेश में चीनी का 2.055 करोड़ टन उत्पादन हुआ।
देश के खाद्यान्न उत्पादन में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी साल 2004 से अब तक 20 फीसदी के आस-पास बनी हुई है।
राज्य चीनी के उत्पादन में भी पिछले 5 सालों से तकरीबन एक जैसी हिस्सेदारी बनाए हुए है। हालांकि, 2006 में देश में होने वाले चीनी उत्पादन में राज्य की हिस्सेदारी 44 फीसदी के करीब थी, जो अब 35 फीसदी के आसपास रह गई है।
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