आज तय होगा कल संवारने का एजेंडा
उत्तर प्रदेश के विकास का इतिहास 13 अक्टूबर, 2012 की तिथि युगों तक सराहेगा। सात क्षेत्रीय फोरम, दूरस्थ अंचलों में पांच हजार किलोमीटर घूमा जागरण विकास रथ, 1
प्रशांत मिश्र, लखनऊ : सात क्षेत्रीय फोरम, दूरस्थ अंचलों में पांच हजार किलोमीटर घूमा जागरण विकास रथ, 19 दिनों तक अखबार से लेकर इंटरनेट तक खबरों का व्यापक अभियान। तमाम कवायद का निष्कर्ष केवल एक- कोरे वादों से ऊबा हुआ उत्तर प्रदेश अब केवल विकास के गीत सुनना चाहता है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शनिवार को लखनऊ के ताज होटल में 'जागरण फोरम' का उद्घाटन करेंगे तो शुरू होगा दिन भर का विमर्श, जो राज्य की विकास यात्रा का प्रस्थान बिन्दु होगा। 'दैनिक जागरण' ने कानपुर, वाराणसी, फैजाबाद, मेरठ, बरेली, गोरखपुर और आगरा में सात क्षेत्रीय फोरम आयोजित किए। इस मुहिम के लिए हमने विकास के जो सात सूत्र तलाशे थे, उनसे यह बात सभी जगह निकल कर आई कि बिजली की कमी उत्तर प्रदेश में सभी जगह एक सी महसूस की जा रही है। उद्यमियों के कान सिंगल विंडो क्लीयरेंस सुनते-सुनते पक चुके हैं, अब इस पर अमल चाहते हैं। लखनऊ में बैठकर पर्यटन की नीतियां नहीं तय की जा सकतीं क्योंकि हर क्षेत्र में पर्यटन का अपना अलग एजेंडा है। हमारे फोरम में शामिल हुए लोगों ने सड़क और रेल सम्पर्को की बात की, बंद चीनी मिलों को खोलने और नए विश्वविद्यालय स्थापित करने की बात की, नोएडा के बाद रुहेलखंड को औद्योगिक परिक्षेत्र विकसित करने का सुझाव दिया। दैनिक जागरण ने इसके लिए आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का संकल्प लिया है। हमने न केवल सभी फोरमों की संयुक्त रिपोर्ट तैयार की है बल्कि विकास का खाका खींचने की जो आकांक्षाएं दिखाई दी, उसको समग्रता में पिरोया भी है। यह रिपोर्ट हम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सौंपेगे भी, साथ ही सम्बंधित विभागों के मंत्रियों को भी देंगे। आओ चलें कल के सुंदर प्रदेश के लिए केवल एक कदम बढ़ा दें और अगली पीढ़ी के लिए एक सपनों का प्रदेश बना दें।
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