कौशाम्बी के पिछडे़पन को दूर करने की कोशिश
प्रदेश के सबसे पिछड़े जनपद कौशाम्बी के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए जनप्रतिनिधियो की कोशिश जारी है। दोआबा की हर जरूरत को पूरा करने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
कौशाम्बी। प्रदेश के सबसे पिछड़े जनपद कौशाम्बी के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए जनप्रतिनिधियों की कोशिश जारी है। दोआबा की हर जरूरत को पूरा करने के लिए प्रयास किया जा रहा है। सांसदों की पहल से कौशाम्बी का स्वरूप बदल रहा है। इसमें अभी चार चांद लगाने की कवायद जारी है। 1999 से कौशाम्बी ने उड़ान भरी है। कौशाम्बी के विकास में अस्पताल, पुल, पेयजल का इंतजाम सांसदों ने ही किया। 1999 से विकास कार्यो में तेजी आई। पूर्व सांसद सुरेश पासी के कार्यकाल में सीएमओ कार्यालय में सौ शैय्या बेड का अस्पताल बनवाया। इसके अलावा ससुर खदेरी नदी पर कई पुल बनवाए गए। प्रधानमंत्री राजीव गांधी सड़क योजना के तहत कई सड़कों का निर्माण हुआ। पेयजल के लिए पूर्व सांसद ने हैंडपंप लगवाए। इसके बाद सांसद शैलेंद्र कुमार ने कमान संभाली। सांसद ने भी प्रयास कर जिले को बहुत कुछ दिया। दर्जनों गांवों का विद्युतीकरण कराया। राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत विद्युतीकरण कराने के लिए सांसद ने एड़ीचोटी का जोर लगाया और सफलता हासिल की। महेवाघाट में पुल बनवाया। लेहदरी में पुल का निर्माण कार्य तेज हो गया है। जल संरक्षण के लिए सांसद ने दो दर्जन चेकडैम बनवाए। मनरेगा की पहली लिस्ट में कौशाम्बी को शामिल कराया। दर्जनों सड़कों का निर्माण करवाया। भरवारी और सिराथू रेलवे स्टेशन में आरक्षण काउंटर खुलवाया। इसके अलावा इलाहाबाद से कानपुर चलने वाली इंटरसिटी ट्रेन का भरवारी और सिराथू रेलवे स्टेशन पर ठहराव सुनिश्चित करवाया।
मूक नहीं गूंजती रही आवाज
कौशाम्बी। सांसद शैलेंद्र कुमार ने सदन में कभी खामोश नहीं बैठे। वह सदन के भीतर हमेशा दहाड़ते रहे। सवाल पूछने के मामले में उनका नाम टाप फाइव सांसदों में शामिल हैं। प्रदेश के इकलौते सांसद शैलेंद्र कुमार हैं जिन्होंने इतने सवाल पूछे हैं। सदन में वह पुख्ता रणनीति के साथ जाते हैं और सवाल पूछते हैं।
क्या कहते हैं सांसद व पूर्व सांसद
संसद के साठ साल पूरे हो गए हैं। देश ने बहुत तरक्की की है। हर क्षेत्र में भारत ने अपना लोहा दुनिया के देशों से मनवाया है। कौशाम्बी जनपद का विकास बहुत तेजी से हुआ है। कौशाम्बी के लिए विकास के लिए बहुत कुछ किया गया है। अभी और तेजी से विकास होंगे। प्रतापगढ़ व कानपुर देहात की 40 साल पहले जो स्थिति थी वही आज भी है लेकिन कौशाम्बी ने 13 साल में बहुत बदलाव हुआ है।
सुरेश पासी-पूर्व सांसद
कौशाम्बी का विकास बहुत तेजी से हुआ है। जिले की सबसे बड़ी जरूरत थी गंगा और यमुना में पुल। यमुना में पुल बनकर तैयार हो गया है। गंगा पर पुल बन रहा है। जाम से लोगों को निजात दिलाने के लिए रोही ब्रिज बनवाया जा रहा है। दस साल में कौशाम्बी का रूपरेखा ही बदल गई है। अभी और जनपद का विकास होगा।
सांसद- शैलेंद्र कुमार
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