भारतीय हॉकी टीम का जोरदार स्वागत
इंचियोन एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता भारतीय पुरुष हॉकी टीम का स्वदेश लौटने पर इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर हॉकी इंडिया, प्रशंसकों और मित्रों ने
नई दिल्ली।इंचियोन एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता भारतीय पुरुष हॉकी टीम का स्वदेश लौटने पर इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर हॉकी इंडिया, प्रशंसकों और मित्रों ने ढोल-नगाड़ों के साथ गर्मजोशी से स्वागत किया। टीम की अगवानी के लिए हॉकी इंडिया के अधिकारी, बड़ी संख्या में मीडिया और हॉकी प्रेमी वहां मौजूद थे।
सरदार सिंह की अगुआई वाली भारतीय टीम शनिवार रात एक बजे एयरपोर्ट पर उतरी और इस दौरान उनकी अगवानी के लिए हॉकी इंडिया की अध्यक्ष मरियम्मा कोशी और सीईओ एलेना नोर्मन मौजूद थीं।
भारतीय हॉकी टीम के कप्तान सरदार सिंह ने कहा, 'हमारे ऊपर दबाव था, क्योंकि हम पिछले 16 साल से एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक नहीं जीत पाए थे, लेकिन इस बार हम खिताब जीतने के लिए प्रतिबद्ध थे। मुझे अपने साथियों पर गर्व है और सबने जितनी मेहनत की है, उसका फल उन्हें मिला है। हम आने वाले समय में लगातार सुधार करते रहेंगे और इस बार की तरह हमेशा आक्रामक हॉकी खेलने का प्रयास करेंगे।
भारत ने फाइनल में पेनाल्टी शूट आउट में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर 16 साल बाद एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक जीता था। इस खिताबी जीत से भारत ने 2016 रियो ओलंपिक के लिए भी सीधे क्वालीफाई कर लिया। भारत ने एशियाई खेलों में पाकिस्तान पर 48 साल बाद जीत हासिल की।
फाइनल मैच के हीरो गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने कहा, 'हम पर पाकिस्तान के खिलाफ खेलने का दबाव नहीं था, क्योंकि हम जानते थे कि हम ही फाइनल जीत रहे हैं। पहले क्वार्टर में गोल करके जब पाकिस्तान ने बढ़त बना ली थी तब भी हम अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे, क्योंकि हम जानते थे कि बराबरी करने और आगे निकलने के लिए अभी तीन क्वार्टर का खेल बाकी है। पेनाल्टी शूटआउट के दौरान श्रीजेश ने दो शानदार गोल बचाए और भारत को चैंपियन बना दिया। एशियाई खेलों में भारत का यह तीसरा स्वर्ण पदक है।
हॉकी इंडिया के महासचिव नरेंद्र बत्रा ने खिलाडिय़ों को बधाई दी और कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल जैसे बेहद कड़े मुकाबले में भी वे अपने लक्ष्य से भटके नहीं। बत्रा ने कहा, 'मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि भारतीय खिलाड़ी मैच के आखिर तक दबाव से निपटने में कामयाब रहे। स्वर्ण पदक जीतकर टीम ने हमें गौरवान्वित किया है और सबसे अच्छी बात यह है कि वे अपनी रणनीति और योजना में सफल रहे। मेरा मानना है कि अभी भी सुधार करने की काफी गुंजाइश है।