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दबाव के बीच भारत ईडन टेस्ट के लिए तैयार

कोलकाता। मुंबई में भारत का स्पिन विकेट का फार्मूला उन्हीं पर भारी पड़ने की वजह से चार मैचों की टेस्ट सीरीज 1-1 से बराबर होने के बाद अब दबाव तले टीम इंडिया कोलकाता वापसी के इरादे से टेस्ट में उतरने को तैयार है। इस अग्निपरीक्षा में सबसे ज्यादा दबाव उन स्टार भारतीय खिलाड़ियों पर होगा जिनके ऊपर इस टेस्ट में सभी की नजरें लगी होंगी। द

By Edited By: Published: Tue, 04 Dec 2012 06:13 PM (IST)Updated: Tue, 04 Dec 2012 07:15 PM (IST)
दबाव के बीच भारत ईडन टेस्ट के लिए तैयार

कोलकाता। मुंबई में भारत का स्पिन विकेट का फार्मूला उन्हीं पर भारी पड़ने की वजह से चार मैचों की टेस्ट सीरीज 1-1 से बराबर होने के बाद अब दबाव तले टीम इंडिया कोलकाता वापसी के इरादे से टेस्ट में उतरने को तैयार है। इस अग्निपरीक्षा में सबसे ज्यादा दबाव उन स्टार भारतीय खिलाड़ियों पर होगा जिनके ऊपर इस टेस्ट में सभी की नजरें लगी होंगी।

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दूसरे टेस्ट में भारत की शर्मनाक हार के बाद से ईडन टेस्ट का सभी को बेसब्री से इंतजार था और इस टेस्ट को लेकर और दबाव तब बनने लगा जब कप्तान धौनी ने एक बार फिर कोलकाता में भी टर्निग पिच की मांग कर डाली और इस तनातनी के बीच ईडन के क्यूरेटर प्रबीर मुखर्जी पर भी गाज गिरी जिन्होंने माही के फैसले और विचारों को बेतुका बताया था। इस मामले को सुलझाने के लिए बीसीसीआई को पूर्व जोन के क्यूरेटर आशीष भौमिक को प्रबीर मुखर्जी का सहयोग करने के लिए कोलकाता भेजना पड़ा। इस पिच को लेकर पहले ही काफी बवाल मच चुका है और अब देखना यही होगा कि क्या टीम इंडिया इस दबाव के बीच सीरीज में वापसी कर पाती है या नहीं। 1984-85 में डेविड गावर की इंग्लिश टीम की भारत में 2-1 से टेस्ट सीरज जीत के बाद से आज तक कोई भी इंग्लिश टीम यह कारनामा नहीं कर सकी है लेकिन इसी बीच भारतीय टीम भी कम निशाने पर नहीं रही है क्योंकि यही टीम इंडिया कुछ समय पहले नंबर एक के स्थान पर थी और आज वही धौनी सेना रैंकिंग में पांचवें स्थान पर खिसक गई है।

खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर अगर गौर फरमाएं तो दो टेस्ट में दो शतक के साथ एलिएस्टर कुक इस समय भारत के सामने सबसे खतरनाक चुनौती बनकर खड़े हुए हैं वहीं मुंबई टेस्ट में स्पिन ट्रैक पर तीन भारतीय स्पिनरों का जमकर सामना करते हुए केविन पीटरसन ने भी अपने कप्तान का जमकर साथ दिया और वह भी शतक जमाकर लय में लौट चुके हैं नतीजतन भारत को इन्हीं दोनों इंग्लिश धुरंधरों की वजह से अपने गेंदबाजों की जमकर धुनाई होते देखना पड़ा। मुंबई में वानखेड़े स्टेडियम पर एक ऐसी पिच मौजूद थी जहां गेंद ने पहले दिन से ही टर्न लेना शुरू कर दिया था लेकिन अहमदबाद टेस्ट की हार के बावजूद मुंबई में इंग्लैंड के हौसले बुलंद दिखे जबकि भारतीय टीम हर क्षेत्र में फिसड्डी साबित हुई।

उधर, ईडन टेस्ट में भारतीय फैंस की ही नहीं पूरी दुनिया की निगाहें मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर पर भी टिकी होंगी जिनके ऊपर लगातार सवालों के काले बादल मंडरा रहे हैं। पिछले दोनों टेस्ट मैचों में बेहद खराब प्रदर्शन के बाद से उम्मीद लगाई जा रही है कि ईडन पर मास्टर अपने पुराने रंग में लौटते हुए शतक जरूर जड़ेंगे जो कि टाप और मिडिल आर्डर में भारत पर और दबाव बनाता है क्योंकि पूरा साल क्रिकेट के हर प्रारूप में शानदार प्रदर्शन करने वाले विराट कोहली भी पिछली चार पारियों से फिसड्डी साबित हो रहे हैं। वहीं, युवराज सिंह और खुद कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का भी प्रदर्शन मिडिल आर्डर में इतना लचर रहा कि बार-बार पुछल्ले बल्लेबाजों पर दबाव आता देखा गया, जिसे अश्विन ने कुछ मौकों पर पारी संवारने की कोशिश भी की।

गेंदबाजों की बात करें तो पिछले दोनों ही टेस्ट मैचों में भारतीय गेंदबाजी कहीं से भी प्रभाव डालती नहीं दिखी है। हरभजन सिंह की अगुवाई में भारतीय स्पिन तिकड़ी कुछ खास करके नहीं दिखा सकी। भज्जी का खुद का प्रदर्शन उनके शानदार इतिहास का माखौल उड़ाता रहा जबकि अश्विन और ओझा का प्रदर्शन इंग्लिश फिरकी गेंदबाजों पनेसर व स्वान के आगे फीका सा दिखा। पनेसर और स्वान ने मुंबई में 20 में से 19 विकेट चटकाए जो अद्भुत था। वहीं, तेज गेंदबाज जहीर खान विकेट लेना तो दूर अपनी रिवर्स स्विंग का ही इस्तेमाल नहीं कर सके हालांकि उम्मीद अब यही है कि हरभजन सिंह ईडन की पिच पर अपने पुराने दौर को फिर ताजा करते हुए कुछ धमाल करके दिखाएं, क्योंकि कोलकाता में अगर वह फिट होकर खेलने उतर पाते हैं तो यह उनका सौवां टेस्ट मैच होगा और इसी ईडन की पिच पर वह 21.76 की औसत के साथ 46 विकेट चटका चुके हैं, जिनमें छह बार एक पारी में वह पांच विकेट भी ले चुके हैं। अब बस देखना यही होगा कि क्या फ्लू से अभी-अभी ठीक होने वाले भज्जी मैदान पर उतरने के लिए तैयार हैं या टीम को दो तेज गेंदबाजों और दो स्पिनरों के साथ ही तीसरे टेस्ट में उतरना होगा जो कप्तान धौनी के लिए भी एक चुनौतीपूर्ण फैसला होगा। वहीं, कोलकाता के घरेलू गेंदबाज अशोक डिंडा भी अपने मौके के तलाश में होंगे लेकिन जहीर की मौजूदगी और इशांत के पीछे मौजूद रहने की स्थिति में उनको मौका मिलने के आसार कम ही हैं।

ईडन गार्डन का इतिहास भी भारत का मनोबल बढ़ाने का काम कर सकता है। भारत ने यहां खेले टेस्ट मैचों में शानदार प्रदर्शन किया है जबकि यहां उन्हें आखिरी हार करीब एक दशक पहले 1998-99 में पाकिस्तान के खिलाफ एशियाई टेस्ट चैंपियनशिप में मिली थी। इंग्लिश टीम की बात करें तो उनकी टीम में खराब फार्म से जूझ रहे स्टुअर्ट ब्राड की जगह दोबारा फिट हो चुके युवा तेज गेंदबाज स्टीफन फिन को मौका दिया जा सकता है। उन्होंने हाल ही में डीवाई पाटिल अकादमी एकादश के खिलाफ इग्लैंड परफारमेंस प्रोग्राम टीम की तरफ से खेलते हुए 50 रन देकर चार विकेट चटकाए हैं। इसके अलावा मुंबई में भारतीय बल्लेबाजों पर कहर बनकर टूटने वाले इंग्लिश स्पिनर ग्रीम स्वान और मोंटी पनेसर तो उनकी ताकत होंगे ही जिनसे बचना एक बार फिर भारतीय बल्लेबाजों के लिए कड़ी चुनौती होगी। वहीं, इंग्लैंड के बल्लेबाजी क्रम की बात करें तो यहां पर इयान बेल की वापसी तय मानी जा रही है जो निजी कारणों से ली हुई छुंट्टी से वापस आ चुके हैं और अब वह जोनी बैरिस्टो की जगह ले सकते हैं।

टीमें-

भारत- महेंद्र सिंह धौनी, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, चेतेश्वर पुजारा, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, युवराज सिंह, अजिंक्य रहाणे, रविचंद्रन अश्विन, प्रज्ञान ओझा, हरभजन सिंह, जहीर खान, इशांत शर्मा, मुरली विजय, अशोक डिंडा।

इंग्लैंड- एलिएस्टर कुक, निक काम्पटन, जो रूट, जानाथन ट्राट, केविन पीटरसन, इयान बेल, इयोन मार्गन, मैक प्रायर, जानी बैरिस्टो, समित पटेल, ग्रीम स्वान, मोंटी पनेसर, जेम्स एंडरसन, टिम ब्रेसनन, स्टुअर्ट ब्राड, स्टीवन फिन, ग्राहम अनियंस, स्टुअर्ट मीकर, जेम्स ट्रेडवेल।

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