श्रेयसी ने दी पिता और दादा के नाम को नई ऊंचाई
जमुई [रूपेश कुमार सिंह]। जमुई के एक छोटे से कस्बे गिद्धौर से निकलकर देश और विदेश में अपना परचम लहराने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. दिग्विजय सिंह की बेटी श्रेयसी ने ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत पदक जीतकर न केवल भारत के पदकों की संख्या बढ़ाई, बल्कि अपने पिता और दादा के नाम को भी नई ऊंचाई दी। गिद्धौर रियासत से जुड़े श्रेयसी के दादा कुमार सुरेंद्र सिंह राष्ट्रीय राइफल संघ के अध्यक्ष रहे।
जमुई [रूपेश कुमार सिंह]। जमुई के एक छोटे से कस्बे गिद्धौर से निकलकर देश और विदेश में अपना परचम लहराने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. दिग्विजय सिंह की बेटी श्रेयसी ने ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत पदक जीतकर न केवल भारत के पदकों की संख्या बढ़ाई, बल्कि अपने पिता और दादा के नाम को भी नई ऊंचाई दी। गिद्धौर रियासत से जुड़े श्रेयसी के दादा कुमार सुरेंद्र सिंह राष्ट्रीय राइफल संघ के अध्यक्ष रहे। बाद में उनके बेटे यानी श्रेयसी के पिता स्व. दिग्विजय सिंह परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इस पद पर कायम हुए।
पिता से काफी नजदीक होने के कारण श्रेयसी ने बचपन से ही राइफल और निशानेबाजी को नजदीक से देखा। वक्त के साथ निशानेबाजी से बढ़ती नजदीकी को पिता का प्रोत्साहन मिला और श्रेयसी आगे बढ़ती चली गईं। पिता के असामयिक निधन के बाद मां जब बांका संसदीय क्षेत्र से चुनाव में उतरीं और जीत कर सांसद बनीं तब भी श्रेयसी ने निशानेबाजी को छोड़कर घर के राजनीतिक माहौल की तरफ रुख नहीं किया। वह निशानेबाजी को लेकर और भी ज्यादा दृढ़ हो गईं और 2012 की शुरुआत में ही राष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिता में तीन स्वर्ण स्वर्ण व तीन रजत पदक जीतकर अपने अचूक निशाने का लोहा मनवाया।
श्रेयसी लगातार चार बार राष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिता में महिला डबल टै्रप का स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुकी हैं। इसके अलावा, 2012 में इटेलियन नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप के सीनियर ट्रैप में तीसरा स्थान और यूनियन शॉटगन चैंपियनशिप के सीनियर ट्रैप में रजत पदक हासिल किया।