फाइनल का 'चोकर्स' बन गया है श्रीलंका
दक्षिण अफ्रीका को अब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बड़े टूर्नामेंटों में निर्णायक क्षणों में लड़खड़ा जाने के लिए चोकर्स कहा जाता था। लेकिन रविवार को विश्व कप के फाइनल में श्रीलंका के लगातार चौथी बार हारने के बाद अफ्रीकी टीम इस बात को लेकर राहत महसूस कर सकती है कि चोकर्स की उसकी विरासत अब एशियाई टीम ने संभाल ल
नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका को अब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बड़े टूर्नामेंटों में निर्णायक क्षणों में लड़खड़ा जाने के लिए चोकर्स कहा जाता था। लेकिन रविवार को विश्व कप के फाइनल में श्रीलंका के लगातार चौथी बार हारने के बाद अफ्रीकी टीम इस बात को लेकर राहत महसूस कर सकती है कि चोकर्स की उसकी विरासत अब एशियाई टीम ने संभाल ली है।
श्रीलंका पिछले छह वषरें में चार बार विश्व कप के फाइनल में पराजित होकर खिताब से चूका है। श्रीलंका 2007 में वेस्टइंडीज में हुए वनडे विश्व कप में खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया से 53 रन से पराजित हो गया था, जबकि 2009 में इंग्लैंड में हुए ट्वेंटी-20 विश्व कप फाइनल में उसे पाकिस्तान से आठ विकेट से पराजय का मुंह देखना पड़ा था।
गत वर्ष मुंबई में वनडे विश्व कप के फाइनल में श्रीलंका को मेजबान भारत ने छह विकेट से शिकस्त दी थी। श्रीलंकाई टीम धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए अपनी जमीन पर विश्व कप के फाइनल में पहुंची, लेकिन खिताबी मुकाबले में मामूली स्कोर का पीछा करने से मीलों दूर रह गई। हालाकि श्रीलंका ने सुपर आठ मैच में वेस्टइंडीज को नौ विकेट से रौंदा था और जब फाइनल में श्रीलंका ने वेस्टइंडीज को 137 रन पर थामा था तो उस समय लगा था कि श्रीलंका फाइनल हारने की प्रेतबाधा से इस बार मुक्तहो जाएगा, लेकिन श्रीलंकाई टीम ऐसा नहीं कर सकी।
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