आइओए को मनमानी का अधिकार नहीं : गोयल
केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री विजय गोयल ने भारतीय ओलंपिक संघ के इस दावे को खारिज कर दिया है कि वह एक स्वतंत्र संगठन है।
मुंबई। केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री विजय गोयल ने भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) के इस दावे को खारिज कर दिया है कि वह एक स्वतंत्र संगठन है। गोयल के अनुसार आइओए या किसी भी स्वतंत्र संगठन को मनमानी की छूट नहीं दी जा सकती।
मुंबई में आयोजित वनवासी कल्याण आश्रम की 19वींं राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता का उदï्घाटन करने आए विजय गोयल ने कहा कि जब आइओए सरकार से मदद लेती है, सरकार से आर्थिक सहायता लेती है, उसके द्वारा चयनित खिलाड़ी देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, तो उसे या किसी भी स्वतंत्र निकाय को मनमानी करने की छूट नहीं दी जा सकती। गोयल के अनुसार अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) एक बार ऐसे ही कारणों से आइओए की मान्यता रद कर चुकी है। जब अभय चौटाला पहली बार आइओए के अध्यक्ष बने थे तो आइओसी ने उसकी मान्यता तुरंत वापस ले ली थी। तब आइओसी ने साफ कहा था कि जब तक आप आइओए के संविधान में यह नहीं शामिल करेंगे कि इसमें किसी आरोपित व्यक्ति को नहीं रखा जाएगा, तब तक हम आइओए को मान्यता नहीं देंगे। आइओए को मान्यता तभी मिली, जब अभय चौटाला और ललित भनोत ने त्यागपत्र दे दिया था।
गोयल के अनुसार अब आइओए अभय चौटाला और सुरेश कलमाड़ी को आजीवन मानद अध्यक्ष नियुक्त कर फिर वैसी ही गलती दोहरा रहा है। इसे खेल मंत्रालय कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता। गोयल का कहना है कि यह नियुक्ति करने में आइओए के अध्यक्ष एन रामचंद्रन भी उतने ही दोषी हैं। उन्होंने एजेंडा में इन दोनों नियुक्तियों का उल्लेख न होते हुए भी इसे लेकर आए और इसे पारित होने दिया। खेलमंत्री के अनुसार ये नियुक्तियां करके आइओए ने आइओसी के नियमों को, अपने खुद के संविधान को और नेशनल स्पोट्र्स डेवलपमेंट कोड्स को धता बताने का काम किया है। गोयल ने कहा कि नेशनल स्पोट्र्स डेवलपमेंट कोड की स्थापना खेल संघों में चल रही अनियमितता को ठीक करने के लिए की गई थी। ताकि खेल संघों पर वर्षों से काबिज लोगों से इन संघों को मुक्त कराया जा सके।