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एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप: शिव व सुमित की चांदी पक्की

थापा ने सेमीफाइनल में ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता और शीर्ष वरीयता प्राप्त मंगोलिया के दोर्जनयामबुग ओटगोनडलाई को मात दी।

By ShivamEdited By: Published: Fri, 05 May 2017 09:21 PM (IST)Updated: Fri, 05 May 2017 09:21 PM (IST)
एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप: शिव व सुमित की चांदी पक्की
एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप: शिव व सुमित की चांदी पक्की

ताशकंद, प्रेट्र। चौथी वरीयता प्राप्त शिव थापा (60 किग्रा) और गैरवरीय सुमित सांगवान (91 किग्रा) ने अपना स्वप्निल सफर जारी रखते हुए शुक्रवार को एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल का टिकट कटा लिया। थापा ने सेमीफाइनल में जहां ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता और शीर्ष वरीयता प्राप्त मंगोलिया के दोर्जनयामबुग ओटगोनडलाई को मात दी, वहीं सांगवान ने दूसरी वरीय ताजिक जाकहोन को पराजित किया।

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हालांकि शुक्रवार का दिन थापा और सांगवान के नाम रहा, जिन्होंने बड़ी जीत दर्ज की। विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता थापा एशियाई खेलों के स्वर्ण विजेता ओटगोनडलाई के खिलाफ जजों के विभाजित फैसले में आगे बढ़ने में सफल रहे। अब स्वर्ण पदक के लिए थापा का सामना उज्बेकिस्तान के एलनूर अब्दुरैमोव से होगा, जिन्होंने सेमीफाइनल में चीन के जुन शान को मात दी। दो बार के ओलंपियन थापा ने शुरू में रक्षात्मक रवैया अपनाया और अपने प्रतिद्वंद्वी को परखने में कुछ समय लगाया। असल में तीन मिनट के पहले राउंड में दोनों मुक्केबाज आक्रमण करने में हिचकिचाते रहे। भारतीय मुक्केबाज ने हालांकि दूसरे राउंड में आक्रामक रुख अख्तियार किया और दबदबा बनाए रखा। तीसरे राउंड में दोनों के बीच मुकाबला बराबरी का रहा। तब मंगोलियाई मुक्केबाज ने भी आक्रामकता दिखाई, लेकिन थापा ने उनकी चुनौती का डटकर सामना किया और आखिर में फैसला उनके अनुकूल रहा।

शिव ने चार साल पहले जीता था स्वर्ण

असम के इस 23 वर्षीय मुक्केबाज शिव थापा ने 2013 में इस प्रतियोगिता में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था। तब वह बेंटमवेट वर्ग (54 किग्रा) में खेलते थे। अब वह एशियाई चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक जीतने वाला पहला भारतीय बनने से सिर्फ एक जीत दूर हैं। शिव ने 2015 में बेंटमवेट में ही कांस्य पदक जीता था, लेकिन अब वह लाइटवेट वर्ग में खेलते हैं। वह पिछले साल दिसंबर से इस वर्ग में खेल रहे हैं। उनके लिए किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में इस वर्ग में यह पहला पदक होगा।

विकास व अमित को कांसे से करना पड़ा संतोष

शीर्ष वरीय विकास कृष्णन को मिडिलवेट (75 किग्रा) में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। उन्होंने सेमीफाइनल में अपने चौथी वरीयता प्राप्त कोरियाई प्रतिद्वंद्वी ली डोंगयुन को वॉकओवर दे दिया। एशियाई मुक्केबाजी परिसंघ के एक अधिकारी ने कहा कि विकास सुबह वजन कराने नहीं आए इसलिए उनके प्रतिद्वंद्वी को फाइनल में प्रवेश दे दिया गया। यह पता नहीं चला कि विकास ने मुकाबले में क्यों वॉकओवर दिया। वहीं, अमित फांगल (49 किग्रा) को शीर्ष वरीय और गत मौजूदा ओलंपिक चैंपियन हसनबॉय दुसमतोव के हाथों एकतरफा मुकाबले में 0-5 से शिकस्त का सामना करना पड़ा।

वॉकओवर पर विकास से जवाब मांगेगा बीएफआइ

नई दिल्ली। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआइ) एशियाई चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में वॉकओवर देने के विकास कृष्णन के फैसले पर इस मुक्केबाज से जवाब मांगेगा, क्योंकि अब तक इसका कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। बीएफआइ के शीर्ष अधिकारी ने कहा, 'निश्चित तौर पर, उससे पूछा जाएगा कि उसने वॉकओवर क्यों दिया। हमें अभी नहीं पता है कि क्या हुआ।' दो बार के ओलंपियन विकास भारत के सबसे सफल मुक्केबाजों में से एक हैं। उन्होंने 2010 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के अलावा विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक भी जीता है।


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