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महान फेडरर हुए बाहर, विंबलडन फाइनल इतिहास को मिला नया चेहरा

फेडेक्स के नाम से मशहूर रोजर फेडरर का रिकॉर्ड 18वां ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने का सपना शुक्रवार को एक बार फिर चकनाचूर हो गया।

By ShivamEdited By: Published: Fri, 08 Jul 2016 10:41 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jul 2016 11:31 PM (IST)
महान फेडरर हुए बाहर, विंबलडन फाइनल इतिहास को मिला नया चेहरा

लंदन, एएफपी। फेडेक्स के नाम से मशहूर रोजर फेडरर का रिकॉर्ड आठवां विंबलडन और कुल 18वां ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने का सपना शुक्रवार को एक बार फिर चकनाचूर हो गया। मिलोस राओनिक सात बार के चैंपियन फेडरर को पांच सेट में हराकर ग्रैंडस्लैम फाइनल में जगह बनाने वाले कनाडा के पहले खिलाड़ी बने। छठे वरीय राओनिक ने मैराथन मुकाबले में तीसरे वरीय फेडरर को 6-3, 6-7, 4-6, 7-5, 6-3 से हराया। राओनिक फाइनल में 2013 के चैंपियन और दूसरे वरीय ब्रिटेन के एंडी मरे और 10वें वरीय चेक गणराज्य के टॉमस बर्डिच के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से भिड़ेंगे।

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25 साल के राओनिक की यह ग्रास कोर्ट पर शीर्ष 10 में शामिल प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ पहली जीत है। राओनिक ने इसके साथ ही 2014 विंबलडन सेमीफाइनल में फेडरर के हाथों मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया। राओनिक की यह 12 मैचों में फेडरर पर तीसरी जीत है।

11वीं बार विंबलडन में सेमीफाइनल खेल रहे फेडरर की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उन्होंने पहला सेट आसानी से गंवा दिया, लेकिन इसके बाद स्विट्जरलैंड का यह खिलाड़ी हावी रहा। चौथे सेट में हालांकि मजबूत स्थिति में दिख रहे फेडरर ने बड़ी गलती की और फिर इससे नहीं उबर पाए। विंबलडन में पिछले 42 साल में फाइनल में जगह बनाने वाला सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बनने की चुनौती पेश कर रहे फेडरर ने सेट में तीन ब्रेक पाइंट गंवाए और फिर 12वें गेम में अपनी सर्विस पर 40-0 से आगे होने के बावजूद उन्होंने सर्विस गंवा दी।

अपना पिछला ग्रैंडस्लैम 2012 में विंबलडन के रूप में जीतने वाले फेडरर को पांचवें और निर्णायक सेट के दौरान चोट का उपचार भी कराना पड़ा जब वह कोर्ट पर गिर गए और उनकी दायीं जांघ और बायें घुटने पर चोट लगी। फेडरर से नौ साल छोटे राओनिक ने पांचवें सेट की शुरुआत में ही फेडरर की सर्विस तोड़कर 3-1 की बढ़त बनाई, जबकि स्विट्जरलैंड के खिलाड़ी को छठे गेम में भी दो ब्रेक प्वाइंट बचाने पड़े। कनाडा के खिलाड़ी ने हालांकि धैर्य बरकरार रखा और उस समय मैच जीत लिया जब फेडरर ने फोरहैंड कोर्ट से बाहर मार दिया। फेडरर को इस तरह विंबलडन सेमीफाइनल में पहली बार हार का सामना करना पड़ा। राओनिक ने मैच के दौरान 23 ऐस और 75 विनर लगाए, जबकि फेडरर नौ ब्रेक प्वाइंट में से सिर्फ एक का ही फायदा उठा पाए जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। राओनिक ने पांचवें गेम में 231.7 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से टूर्नामेंट की सबसे तेज सर्विस भी की।

स्विस स्टार फेडरर ने विंबलडन में 84वीं और ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंटों में 307वीं जीत दर्ज कर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। उन्होंने मार्टिना नवरातिलोवा का 306 मैचों में जीत का रिकॉर्ड तोड़ा। वह 40वीं बार किसी ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचे। इसके अलावा 1974 में 39 वर्षीय केन रोजवाल के बाद विंबलडन सेमीफाइनल में पहुंचने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी भी बने।

फेडरर को हराने के बाद राओनिक ने कहा, 'मुझे मौका मिला और मैंने इसका पूरा फायदा उठाया। कनाडा के लिए इसका बड़ा असर होगा। उम्मीद करता हूं कि अगर मैं रविवार को जीता तो असर और बड़ा होगा।'

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