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नागपुर टेस्ट: ड्रा होने के पांच अहम कारण

टीम इंडिया हजारों कोशिशों के बाद भी नागपुर टेस्ट में जीत हासिल नहीं कर सकी और यह मैच ड्रा पर खत्म हो गया। इस मैच के ड्रा होने के साथ ही भारत का इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर पिछले 28 सालों का अजेय अभियान आज खत्म हो गया। नागपुर मैच में भी इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए मेजबान टीम को खूब परेशान किया।

By Edited By: Published: Mon, 17 Dec 2012 04:00 PM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2012 08:10 PM (IST)
नागपुर टेस्ट: ड्रा होने के पांच अहम कारण

नागपुर। टीम इंडिया हजारों कोशिशों के बाद भी नागपुर टेस्ट में जीत हासिल नहीं कर सकी और यह मैच ड्रा पर खत्म हो गया। इस मैच के ड्रा होने के साथ ही भारत का इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर पिछले 28 सालों का अजेय अभियान आज खत्म हो गया। नागपुर मैच में भी इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए मेजबान टीम को खूब परेशान किया।

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आइए इस बात पर चर्चा करते हैं कि भारत के लिए चार मैचों की टेस्ट सीरीज के इस निर्णायक मुकाबले के ड्रा होने में पांच अहम कारण कौन से रहे।

तेज आक्रमण की कमी

जामठा की सपाट पिच पर मैच के शुरुआती दिन ईशांत शर्मा ने कमाल की गेंदबाजी की लेकिन दूसरे छोर पर तेज आक्रमण का सहयोग नहीं मिल पाने से भारत विपक्षी बल्लेबाजों पर अंकुश नहीं लगा सका। भारतीय कप्तान धौनी ने टीम में एकमात्र तेज गेंदबाज ईशांत को जगह दी। बाद में मिल रही स्विंग से लगा की उनका यह फैसला गलत साबित हुआ। अगर एक और तेज गेंदबाज होता तो संभवत: मैच का परिणाम कुछ और ही होता। इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने इसी पिच पर भारत के शीर्ष क्रम को तोड़ दिया जिससे मेजबान टीम को बैकफुट पर आना पड़ा।

फिरकी गेंदबाजों का प्रभावहीन होना

भारतीय टीम प्रबंधन ने मैच जीतने के लिए इस बार चार फिरकी गेंदबाजों को टीम में शामिल किया। लेकिन उनका यह प्रयोग बेकार साबित हुआ। प्रज्ञान ओझा पहली पारी में विकेट लेने में असफल रहे। जबकि अश्रि्वन को एक ही विकेट मिला। दूसरी पारी में भी फिरकी गेंदबाजों ने खासा निराश किया। कोई भी गेंदबाज विपक्षी बल्लेबाजों को परेशान नहीं कर सका। पहली पारी में चार विकेट लेने वाले पीयूष चावला ने दूसरी पारी में ज्यादा कारगर साबित नहीं हुए।

इंग्लैंड का मैच में नकारात्मक रवैया

पहले ही टेस्ट सीरीज में 2-1 से अजेय बढ़त बना चुके इंग्लैंड ने इस मैच में जीत के लिए कोई खास प्रयास नहीं किया। मैच के चौथे और पांचवें दिन इंग्लिश बल्लेबाजों ने जिस तरह से बल्लेबाजी की उससे लगा ही नहीं कि वे मैच जीतने के लिए खेल रहे हैं। बाद में पिच का मिजाज बदल जाने पर इंग्लिश बल्लेबाजों ने जमकर बल्लेबाजी करते हुए मैच से भारत को बहुत दूर कर दिया।

खिलाड़ियों का मैदान आक्रामक न होना

भारतीय टीम को यह मैच हर हाल में जीतना था लेकिन उसके खिलाड़ियों ने मैच जीतने का जज्बा ही नहीं दिखाया। सभी खिलाड़ी थके हुए नजर आए। साथ ही उन्होंने खराब क्षेत्ररक्षण किया जिससे बल्लेबाजों को रन बनाने के खूब मौके मिले।

ट्राट और बेल की बेजोड़ बल्लेबाजी

भारतीय गेंदबाजों ने चौथे दिन दूसरी पारी में इंग्लैंड के तीन विकेट 94 रनों पर ही झटक लिए थे लेकिन इसके बाद जोनाथन ट्राट और इयान बेल ने बेहतरीन साझेदारी करते हुए भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। ट्राट ने भारत के खिलाफ पहली बार शतक लगाया और बेल के साथ चौथे विकेट के लिए दो सौ रन से ज्यादा की साझेदारी कर भारत को मैच से बहुत दूर कर दिया। दोनों बल्लेबाज अब तक सीरीज में कुछ खास नहीं कर सके थे लेकिन अपने अंतिम पारियों में दोनों ने लाजवाब बल्लेबाजी कर सीरीज अपनी टीम के नाम कराया। बाद में बेल ने भी शानदार शतक लगाया। बेल ने इसके साथ ही भारतीय उपमहाद्वीप में अपने खराब प्रदर्शन के दंश को समाप्त कर दिया।

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