Move to Jagran APP

डेविस कपः आज से शुरू होंगे मुकाबले, दिग्गज नडाल के सामने होंगे युवा रामकुमार

आज से अगले तीन दिन तक भारतीय टेनिस फैंस दिलचस्प मुकाबलों का लुत्फ उठा सकेंगे।

By ShivamEdited By: Published: Thu, 15 Sep 2016 08:55 PM (IST)Updated: Fri, 16 Sep 2016 08:18 AM (IST)
डेविस कपः आज से शुरू होंगे मुकाबले, दिग्गज नडाल के सामने होंगे युवा रामकुमार

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। आज से अगले तीन दिन तक भारतीय टेनिस फैंस दिलचस्प मुकाबलों का लुत्फ उठा सकेंगे। अब तक सिर्फ एक डेविस कप मैच खेलने वाले भारत के रामकुमार रामनाथन आज 14 बार के ग्रैंडस्लैम चैंपियन राफेल नडाल के सामने डेविस कप विश्व ग्रुप प्लेऑफ मुकाबले में स्पेन के खिलाफ सिंगल्स मुकाबले में भारतीय अभियान की शुरुआत करेंगे। वहीं, दूसरे सिंगल्स मुकाबले में साकेत मायनेनी विश्व के 13वें नंबर के खिलाड़ी डेविड फेरर से भिड़ेंगे।

loksabha election banner

अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ ने गुरुवार को डेविस कप का ड्रॉ घोषित किया, जिसके मुताबिक डेविस कप के दूसरे दिन भारत के सबसे अनुभवी खिलाड़ी लिएंडर पेस और साकेत की जोड़ी फ्रेंच ओपन चैंपियन फेलिसियानो लोपेज व मार्क लोपेज की जोड़ी से भिड़ेगी। वहीं, रिवर्स सिंगल्स में साकेत का मुकाबला नडाल से होगा और रामनाथन की भिड़ंत फेरर से होगी।

साकेत, रामनाथन के लिए अच्छा मौका

भारत के सिंगल्स खिलाड़ी साकेत और रामकुमार ने मिलकर अब तक सिर्फ पांच डेविस कप मुकाबले खेले हैं। निश्चित ही दूधिया रोशनी में होने वाले मुकाबलों में इन दोनों के लिए नडाल और फेरर जैसे दिग्गजों के खिलाफ चुनौती पेश करना आसान नहीं होगा। भारतीय टेनिस प्रशंसकों के लिए भी यह जीवन में एक बार मिलने वाला मौका होगा, क्योंकि उन्हें इस दौरान 14 बार के ग्रैंडस्लैम चैंपियन नडाल को प्रतिस्पर्धी मैच में खेलते हुए देखने का मौका मिलेगा। यह खिलाड़ी हालांकि पिछले कुछ समय से जूझ रहा है, लेकिन उन्हें कभी भी कमतर नहीं माना जा सकता है। साथ ही भारत के पास इतने एटीपी टूर्नामेंट नहीं हैं जिसमें नडाल, फेरर और फ्रेंच ओपन चैंपियन फेलिसियानो लोपेज (विश्व रैंकिंग में 26वें स्थान पर) और मार्क लोपेज (डबल्स में विश्व रैंकिंग में 15वें स्थान पर) आकर खेल सकते हैं।

अनुभव में जमीन-आसमान का अंतर

दुनिया के चौथे नंबर के खिलाड़ी नडाल स्पेन की पांच में से चार डेविस कप खिताबी जीत (2004, 2008, 2009, 2011) में अहम भूमिका निभा चुके हैं और फेरर ने भी तीन खिताबों (2008, 2009, 2011) में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। स्पेन के इन चारों खिलाडि़यों नडाल (16), फेरर (18), फेलिसियानो लोपेज (22) और लोपेज (09) के पास मिलाकर 65 डेविस कप मुकाबलों का अनुभव है। भारत के सिंगल्स खिलाडि़यों को सिर्फ पांच मैचों का अनुभव है। रामकुमार ने दो महीने पहले ही चंडीगढ़ में कोरिया के खिलाफ अपना डेविस कप आगाज किया है। भारतीय टीम उम्मीद करेगी कि 53 मैचों के अनुभवी लिएंडर पेस इन गैर अनुभवी खिलाडि़यों की बेहतरीन अगुआई करें।

कड़ी चुनौती देंगे भारतीय

इन विश्व स्तरीय खिलाडि़यों के खिलाफ खेलते हुए हार मिलने पर कोई भी सवाल नहीं उठाएगा, लेकिन जिस तरह से भारतीय खिलाड़ी भिड़ते हैं और चुनौती देते हैं, उस पर निश्चित रूप से सभी की निगाहें लगी होंगी। 28 वर्षीय मायनेनी यूएस ओपन में एक मुकाबला खेलकर आ रहे हैं। उन्होंने क्वालीफायर के जरिये मुख्य ड्रॉ में जगह बनाई थी। उन्होंने पहले राउंड में जिरी वेसेली के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन किया था। मायनेनी की सर्विस मजबूत है और उनके मैदानी स्ट्रोक्स भी बेहतर हैं, लेकिन उनकी फिटनेस हमेशा चिंता का विषय रहती है। वह बहुत जल्दी 'डीहाईड्रेट' हो जाते हैं जिससे उन्हें मांसपेशियों में खिंचाव होने लगता है।

पेस इतिहास रचने से एक कदम दूर

पेस डेविस कप के इतिहास में सबसे सफल डबल्स खिलाड़ी बनने से महज एक जीत दूर हैं। वह 42 डबल्स मुकाबले जीतकर अभी संयुक्त रूप से इटली के महान खिलाड़ी निकोला पिएट्रांगेली के साथ हैं। बोपन्ना के नहीं खेलने के कारण पेस और साकेत जोड़ी बनाकर डबल्स में उतरेंगे। शीर्ष 100 में एक भी खिलाड़ी नहीं होने के बावजूद भारत ने लगातार प्ले ऑफ चरण में पहुंचकर खुद को एशियाई क्षेत्र में मजबूत बना लिया है, लेकिन विश्व ग्रुप में जगह बनाने के लिए और इसमें बरकरार रहने के लिए टीम को बेहतरीन सिंगल्स खिलाडि़यों को ढूंढने की जरूरत है। वर्ना टीम केवल एशिया-ओसनिया ग्रुप में ही खेलती रहेगी।

खेल जगत की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें

- कोच कोंचिता पर सबकी नजरें

भारत में डेविस कप खेलने आई स्पेनिश टीम में सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र राफेल नडाल हैं, लेकिन उनकी टीम की कोच कोंचिता मार्टिनेज भी चर्चा में हैं। डेविस कप में सिर्फ पुरुष खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं, लेकिन स्पेनिश टीम की कोच पूर्व महिला टेनिस खिलाड़ी मार्टिनेज हैं।

डेविस कप इतिहास में गाला लियोन गर्सिया के बाद कोच बनने वाली कोंचिता मार्टिनेज दूसरी महिला हैं। कोंचिता को पिछले साल गर्सिया की जगह टीम की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। संयोग से डेविस कप इतिहास में दोनों बार स्पेन की महिलाएं ही कोच बनी हैं। हालांकि मार्टिनेज टेनिस में सक्रिय रहने के दौरान सिर्फ एक ग्रैंडस्लैम खिताब जीत पाईं। 1994 में उन्होंने महान खिलाड़ी मार्टिना नवरातिलोवा को फाइनल में हराकर विंबलडन का खिताब जीता। वह 1998 में ऑस्ट्रेलियन ओपन और 2000 में फ्रेंच ओपन में उपविजेता रहीं।

क्रिकेट से जुड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.