भारत सरकार 2032 ओलंपिक मेजबानी की पर विचार करेगी
सरकार 2032 ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए भारत की तरफ से बोली लगाने की संभावना पर विचार करने के लिए सहमत हो गई है।
चेन्नई । भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष एन रामचंद्रन ने दावा किया कि सरकार 2032 ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए भारत की तरफ से बोली लगाने की संभावना पर विचार करने के लिए सहमत हो गई है।
तमिलनाडु ओलंपिक संघ (टीएनओए) का अध्यक्ष चुने जाने के बाद रामचंद्रन ने कहा, 'सरकार के विचार करने पर सहमत होने के बाद हमें सभी तरह की मंजूरी हासिल करने की जरूरत पड़ेगी। रामचंद्रन ने कहा कि इस खेल महाकुंभ की मेजबानी एक विस्तृृत प्रक्रिया है।
उन्होंने कहा, 'आईओए को एक प्रस्ताव बनाकर उसे सरकार को देना है। उस पर सरकार को सहमति बनानी होगी। इसके बाद सरकार को सार्वभौम गारंटी देनी है। मौजूदा सरकार ही नहीं, बल्कि विपक्ष के नेता की सहमति भी इसके लिए जरूरी है। इसके अलावा जिस शहर को मेजबानी के लिए चुना जाएगा उसके मुख्यमंत्री से लेकर विपक्ष के नेता तक की सहमति भी जरूरी है।
ओलंपिक की बोली और उसके बाद के खर्चों के बारे में उन्होंने कहा, 'यह प्रक्रिया लगभग छह से आठ वर्ष तक चलेगी। इसे आसानी से किया जा सकता है। अगर आप आज की लागत पर गौर करो तो यह 12 अरब डॉलर (लगभग 770 अरब रुपए) के लगभग है जिसमें से आपको 50 प्रतिशत राजस्व से और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक परिषद (आईओसी) से मिलता है। भारत जैसे देश के लिए आठ वर्षों में छह अरब डॉलर (लगभग 385 अरब रपए) जुटाना मुश्किल नहीं होना चाहिए।
रामचंद्रन ने इसके साथ ही कहा कि आईओए अध्यक्ष और साथ ही तमिलनाडु ओलंपिक संघ का प्रमुख होने से कोई दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने कहा, 'बी शिवांती आदित्यन आईओए और टीएनओए दोनों के अध्यक्ष थे। इसके लिए कोई सीमा नहीं है।