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एससीजी से पलटवार करना चाहेगी टीम इंडिया

मेलबर्न का किला फतह करने में नाकाम रहा भारत अब मंगलवार से शुरू होने वाले सिडनी के संग्राम में बल्लेबाजी में अपने मुख्य नायकों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद के साथ आस्ट्रेलिया से दूसरा टेस्ट मैच जीतकर चार मैचों की सीरीज में वापसी की कोशिश करेगा। भारत मेलबर्न में पहला टेस्ट मैच 122 रन से हार गया था।

By Edited By: Published: Mon, 02 Jan 2012 04:49 PM (IST)Updated: Mon, 02 Jan 2012 04:50 PM (IST)
एससीजी से पलटवार करना चाहेगी टीम इंडिया

सिडनी। मेलबर्न का किला फतह करने में नाकाम रहा भारत अब मंगलवार से शुरू होने वाले सिडनी के संग्राम में बल्लेबाजी में अपने मुख्य नायकों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद के साथ आस्ट्रेलिया से दूसरा टेस्ट मैच जीतकर चार मैचों की सीरीज में वापसी की कोशिश करेगा। भारत मेलबर्न में पहला टेस्ट मैच 122 रन से हार गया था।

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भारत के लिए विदेशी पिचों पर बल्लेबाजों का अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाना चिंता का विषय बना हुआ है लेकिन भारतीयाें की खासियत रही है कि किसी भी दौरे की शुरुआत वह अच्छी नहीं कर पाते लेकिन इसके बाद दमदार वापसी करने में सफल रहे हैं। भारतीयों को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड [एससीजी] पर फिर से ऐसी वापसी की उम्मीद है। क्रिकेटिया मैदान की इस जंग में सबकी निगाहें फिर से सचिन तेंदुलकर जैसे महान क्रिकेटर पर टिक गई है और उनसे उम्मीद की जा रही है कि वह अपने प्रिय मैदानों में से एक एससीजी पर बहुप्रतीक्षित 100वें शतक का इंतजार खत्म करके भारतीय बल्लेबाजी की अगुवाई करेंगे। संयोग से यह एससीजी पर खेला जाने वाला 100वां टेस्ट मैच होगा और यदि इसमें तेंदुलकर का शतक और भारतीयों को जीत मिलती है तो यह मैच भारतीय क्रिकेट इतिहास में हमेशा के लिए स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो जाएगा। एससीजी पर भारतीयों का अच्छा रिकार्ड निश्चित तौर पर उनके लिए प्रेरणा का काम करेगा।

दूसरी तरफ आस्ट्रेलिया आक्रामक गेंदबाजी की अपनी आजमाई गई रणनीति के सहारे ही विजय अभियान जारी रखने की कोशिश करेगा। परिस्थितियां गेंदबाजों के अनुकूल हैं और ऐसी स्थिति में माइकल क्लार्क की टीम इसका फायदा उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगी। भारतीय बल्लेबाज आफ स्टंप की बाहर जाती गेंदों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं या यूं कहें कि गेंदबाज के चौथे या पांचवें स्पेल तक इंतजार करने का धैर्य उनमें नहीं है, जिससे कि टीम के लिए 300 रन तक के स्कोर तक पहुंचना भी मुश्किल बना हुआ है। आस्ट्रेलिया ने मेलबर्न में जीत दर्ज करने वाली टीम में कोई बदलाव नहीं किया है जिसका मतलब है कि आफ स्पिनर नाथन लियोन को खुद को साबित करने का एक और मौका मिलेगा। भारतीयों ने अभी अपनी अंतिम एकादश घोषित नहीं की है लेकिन संकेत मिल रहे हैं कि विराट कोहली इसमें बने रहेंगे। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2010-11 की सीरीज के बाद 11 टेस्ट मैच में भारतीय टीम विदेशी सरजमीं पर केवल एक बार 400 रन के पार पहुंच गई है तथा केवल दो बार उसने 300 से अधिक रन बनाए। पिछली दस पारियों में उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन इंग्लैंड के खिलाफ ओवल में रहा जहां वह 300 तक पहुंच पाया था।

एससीजी पर उन्हें राहत नहीं मिलने वाली है, जहां चार साल पहले 'मंकीगेट' कांड ने दोनों टीमों के रिश्तों को तलवार की धार पर खड़ा कर दिया। इस बार उस विवाद के केंद्र में रहे हरभजन सिंह और एंड्रयू सायमंड्स इस बार नहीं खेल रहे हैं और इसलिए संभावना जताई जा रही है कि किसी तरह का विवाद पैदा नहीं होगा। आस्ट्रेलिया ने अपनी रणनीति सार्वजनिक कर दी है कि वह भारतीयों पर अंकुश लगाए रखेंगे और उन्हें रन नहीं बनाने देंगे। कोच मिकी आर्थर ने तो भारतीयों की मेडन ओवर नहीं खेल पाने की क्षमता पर सवाल भी उठाए हैं। इसकी शुरुआत शीर्ष क्रम में गौतम गंभीर से होती जो आफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों पर बेवजह बल्ला भिड़ाकर अपना विकेट इनाम में दे रहे हैं। वीरेंद्र सहवाग भी इन गेंदों को नहीं छोड़ रहे हैं। मध्यक्रम में राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण दूसरा ही रवैया अपना रहे हैं। वे मेडन पर मेडन खेल रहे हैं। जहां तक विराट कोहली और कप्तान धौनी का सवाल है तो क्रीज पर ज्यादा समय नहीं बिता पा रहे हैं। एमसीजी पर केवल तेंदुलकर ने ही दिखाया कि वह अकेले 11 आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों से टकराने का माद्दा रखते हैं।

भारत के लिए एक अन्य चिंता निचले क्रम के बल्लेबाजों को जल्दी नहीं समेट पाना है। एमसीजी पर ही पुछल्ले बल्लेबाजों ने 221 रन जोड़े। इसके लिए काफी हद तक कप्तान धौनी को दोष दिया जा रहा है जो पुछल्ले बल्लेबाजों के लिए छितरा हुआ क्षेत्ररक्षण लगाते रहे हैं। ऐसे में बल्लेबाज खाली स्थानों से आसानी से रन बटोर रहे हैं। इसका मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड़ता है। यदि रक्षात्मक क्षेत्ररक्षण होता है तो गेंदबाज भी वैसी ही गेंदबाजी करते हैं। एमसीजी जैसे विकेट पर ऐसा रवैया सही नहीं था और एससीजी पर ऐसा करना खतरे से खाली नहीं होगा। तेंदुलकर ने एससीजी पर 221 और लक्ष्मण ने 96 रन प्रति पारी की औसत रन बनाए हैं लेकिन अब यहां की परिस्थितियां काफी बदल गई हैं।

एससीजी की पिच पहले उपमहाद्वीप की पारंपरिक पिच जैसी होती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। इन गर्मियों में एससीजी पर घरेलू मैचाें में 57 विकेट में से केवल 12 स्पिन गेंदबाजों ने लिए। भारतीय गेंदबाज हालांकि अपनी भूमिका यहां अच्छी तरह से निभा सकते हैं। पहले दिन परिस्थितियां बल्लेबाजी के अनुकूल नहीं होंगी और ऐसे में टीम पहले गेंदबाजी करना पसंद करेंगी। जहीर खान और ईशांत शर्मा को इससे मदद मिलने की संभावना है तथा अश्विन के लिए भी इसमें काफी कुछ है। भारतीयों ने पिछले चार दिन में कड़ा अभ्यास किया है। बल्लेबाजों ने नेट्स पर जमकर पसीना बहाया है और वे चुनौती के लिए तैयार लगते हैं।

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