मैं मरने से पहले एक और मिल्खा देखना चाहता हूं
लखनऊ, जागरण संवाददाता। मैं मरने से पहले ओलंपिक में किसी एथलीट को तिरंगा झंडा लहराते व स्वर्ण पदक जीतते देखना चाहता हूं। सीधे शब्दों में कहूं तो मैं मरने से पहले एक और मिल्खा देखना चाहता हूं। यह कहना है फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह का वह यहां जयपुरिया स्कूल के 21वें स्थापना दिवस में पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि
लखनऊ, जागरण संवाददाता। मैं मरने से पहले ओलंपिक में किसी एथलीट को तिरंगा झंडा लहराते व स्वर्ण पदक जीतते देखना चाहता हूं। सीधे शब्दों में कहूं तो मैं मरने से पहले एक और मिल्खा देखना चाहता हूं। यह कहना है फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह का वह यहां जयपुरिया स्कूल के 21वें स्थापना दिवस में पहुंचे थे।
उन्होंने कहा कि मैं जहां भी जाता हूं, लोग मेरी बहुत तारीफ करते हैं, लेकिन मैं सोचता हूं कि पिछले 60 साल में हम 120 करोड़ की आबादी में एक भी मिल्खा पैदा नहीं कर सके। मैं सभी स्कूल के बच्चों से यह उम्मीद करता हूं कि जल्द ही उनमें से भी कोई मिल्खा सिंह बने।
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लोगों से मुखातिब होने से पहले उन्होंनें कहा क्या मैं हिंदी में बात कर सकता हूं, जिसपर लोगों ने जोर से सहमति जताई। मिल्खा ने अपनी बात शुरू की और लोग मंत्रमुग्ध से उन्हें सुनते रहे। उन्होंने बताया कि मैं 80 देशों में रेस दौड़ने के लिए गया हूं। वहां पर जब भी मैंने इंटरव्यू दिया हिंदी में बात की। मैं सोचता हूं कि जब लोग दूसरे देशों में जाकर भी अपनी ही भाषा में बात करते हैं तो मैं हिंदी में बात क्यों न करूं?
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