दागियों के खिलाफ खिलाडि़यों ने खोला मोर्चा
भारतीय खेलों में फैले कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार से त्रस्त पूर्व ओलंपियन भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) के खिलाफ एकजुट होने लगे हैं। शनिवार को पंद्रह ओलंपियनों ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) के दागी व्यक्तियों के आइओए का चुनाव लड़ने से रोकने के फैसले का स्वागत किया।
नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। भारतीय खेलों में फैले कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार से त्रस्त पूर्व ओलंपियन भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) के खिलाफ एकजुट होने लगे हैं। शनिवार को पंद्रह ओलंपियनों ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) के दागी व्यक्तियों के आइओए का चुनाव लड़ने से रोकने के फैसले का स्वागत किया। इन ओलंपियनों ने कहा कि इस फैसले से भारतीय खेलों में फैले भ्रष्टाचार को खत्म करने में मदद मिलेगी।
ओलंपियनों ने आइओसी के अध्यक्ष को शुक्रिया अदा करते हुए एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने लिखा है, 'हम ओलंपियन आइओए के आग्रह को स्वीकार नहीं करने और दागी व्यक्तियों के आइओए का चुनाव लड़ने पर रोक लगाने के पूर्व फैसले पर अडिग रहने पर आपका शुक्रिया अदा करते हैं। आइओसी का यह कदम भारतीय खेलों से भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन पूरी तरह दूर करने के लिए काफी बढि़या है। अभी आइओए को आइओसी ने निलंबित किया हुआ है और आइओए को मिली चेतावनियों के बावजूद ये दागी अधिकारी अब भी भारतीय ओलंपिक अभियान में बने रहना और अगुआई करना चाहते हैं।' इन ओलंपियनों में पूर्व हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह ग्रेवाल, मर्विन फर्नाडीज, वी भास्करन, एमपी गणेश, जूड फेलिक्स, गाविन फरेरा सहित कई अन्य खिलाड़ी हैं।
आइओसी ने आइओए के संविधान का संशोधित मसौदा वापस भेज दिया था, जिसमें उसने उन व्यक्तियों के आइओए का चुनाव लड़ने पर रोक लगाई है जिनके खिलाफ आरोप पत्र दायर हो चुका है। आइओए ने शुक्रवार को यह कहकर इस प्रावधान पर एतराज जताया था कि ऐसे मसलों में भारतीय कानून प्रभावी होगा। लेकिन आइओसी ने अगले ही दिन अपने जवाब में अपने फैसले को बदलने से इन्कार करते हुए कहा कि आइओए के एतराज को मानना ओलंपिक चार्टर की अहमियत कम करने जैसा होगा। आइओसी महानिदेशक क्रिस्टोफ डे केपर ने लिखा कि प्रस्तावित प्रावधान की यह शब्दावली कि भारतीय ओलंपिक संघ से जुड़े सभी मसलों में भारत का कानून प्रभावी होगा स्वीकार्य नहीं है। आइओए अब इस मसले पर फैसला करने के लिए आइओसी से 25 अगस्त को आम बैठक कराने की अनुमति देने के लिए लिखेगा।
आइओसी के इस फैसले का दिग्गज निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने भी स्वागत किया। बीजिंग ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता बिंद्रा ने कहा, 'मुझे लगता है कि सभी खिलाड़ी चाहते हैं कि ऐसे अधिकारी हों जिनके दिमाग में भारतीय खेल और खिलाड़ियों का हित सबसे पहले हो।'
पूर्व धाविका अश्विनी नाचप्पा ने कहा कि यह देखना रोचक होगा कि आइओए आइओसी के फरमान को मानता है या नहीं। उन्होंने कहा, 'मल्होत्रा (आइओए के कार्यकारी अध्यक्ष विजय कुमार) 40 और बरस तक इस पद पर रहना चाहते हैं, जबकि अभय चौटाला (निलंबित आइओए के अध्यक्ष) किसी भी तरह अपने पद पर बरकरार रहना चाहते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि सरकार के लिए चुनौती है कि वह स्पष्ट रुख अपनाए और सुधारवादी कदम लागू करे।'
'एक खिलाड़ी के रूप में मुझे बेहद खुशी है कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति भारतीय खेलों को पाक साफ करने की इच्छुक है।'
--अभिनव बिंद्रा (ओलंपिक स्वर्ण विजेता निशानेबाज)
'यह देखना रोचक होगा कि आइओए इस बात को मानता है कि नहीं, क्योंकि हाल में जो हुआ उससे जाहिर है कि वे ऐसा नहीं करने वाले। खिलाड़ी कभी उनकी प्राथमिकता नहीं रहे और अब यह बिल्कुलस्पष्ट हो गया। वे पारदर्शी प्रणाली नहीं चाहते'
--अश्विनी नाचप्पा (पूर्व धाविका)
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