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भारत-ए की रणनीति पर बोलने से गिली का इंकार

आस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर एडम गिलक्रिस्ट ने इंग्लैंड के खिलाफ अभ्यास मैच में भारत-ए टीम में एक भी विशेषज्ञ फिरकी गेंदबाज को शामिल नहीं किए जाने की रणनीति पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है। साथ ही वह आइसीसी के दिन-रात के टेस्ट मैच की रजामंदी देने पर नाखुशी जताई।

By Edited By: Published: Thu, 01 Nov 2012 03:18 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2012 06:23 PM (IST)
भारत-ए की रणनीति पर बोलने से गिली का इंकार

बेंगलूर। आस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर एडम गिलक्रिस्ट ने इंग्लैंड के खिलाफ अभ्यास मैच में भारत-ए टीम में एक भी विशेषज्ञ फिरकी गेंदबाज को शामिल नहीं किए जाने की रणनीति पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया है। उन्होंने आइसीसी के दिन-रात के टेस्ट मैच की रजामंदी पर अपनी नाखुशी जताई है।

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पूर्व आस्ट्रेलियाई विकेटकीपर के अनुसार मेजबान टीम के पास इस फैसले का शायद कोई तर्कसंगत कारण होगा। गिलक्रिस्ट ने कहा कि अन्य टीमों की चयन नीतियों का आकलन करना खतरनाक हो सकता है। उन्होंने कहा किसे मालूम क्या पता मध्यम और तेज गेंदबाजों के साथ खेलने का भारत के पास कोई पूरी तरह से वैध कारण हो। आस्ट्रेलिया के इस पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज ने कहा मुझे पूरा यकीन है कि इंग्लैंड को उस समय हैरानी नहीं होगी अगर उसे पहले टेस्ट में स्पिन की अनुकूल पिच पर खेलने को मिले और भारतीय टीम में दो या तीन स्पिनर हों। मुझे लगता है कि ऐसा ही होने वाला है। जब आप भारत आते हैं तो आपको इसी तरह की उम्मीद करनी चाहिए। मुझे नहीं लगता कि कोई इसे लेकर काफी सतर्क होगा। उन्हें नेट पर उनके स्पिनरों का सामना करने का मौका मिलेगा जिससे कुछ मदद मिलेगी।

पूर्व विश्व रिकार्डधारी विकेटकीपर गिलक्रिस्ट ने कहा भारत जब इंग्लैंड का दौरा करेगा तो उसके साथ भी ऐसा ही होगा जहा उसे मेजबान टीम के तीन या चार तेज गेंदबाजों का सामना करते हुए हैरान नहीं होना चाहिए जो अनुकूल विकेटों से फायदा उठाने की तैयारी में हों।

दिन-रात टेस्ट को स्वीकृति देने के आईसीसी के फैसले पर गिलक्रिस्ट ने कहा कि वह क्रिकेट के पारंपरिक तरीके को प्राथमिकता देंगे। गिलक्रिस्ट ने कहा कि मेरे निजी नजरिये से मुझे क्रिकेट का पारंपरिक तरीका पसंद है और मैंने इस संबंध में काफी खिलाड़ियों को इससे अलग बोलते हुए नहीं सुना।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने कुछ दिन पहले दिन-रात मैचों को स्वीकृति दी थी और यह फैसला सदस्य बोर्डो पर छोड़ दिया था कि वे कौन सी प्रकार और रंग की गेंद का इस्तेमाल करते हैं। आस्ट्रेलिया में कुछ साल पहले दिन-रात प्रथम श्रेणी मैच में खेलने का अनुभव रखने वाले गिलक्रिस्ट ने कहा कि मैच के आगे बढ़ने के साथ हालात समान नहीं रहते। जब मैच दोपहर बाद होता है तो भी हालात समान नहीं रहते। यह अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है कि दूधिया रोशनी में लाल गेंद को स्पष्ट देखा जा सकता है। गिलक्रिस्ट ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट सर्वोच्च प्रारूप है और अगर अधिक खिलाड़ी वनडे और टी-20 मैचों से जुड़ते हैं तो भी इसे नुकसान नहीं होगा।

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