ये पांच कारण, जिसने टीम इंडिया की कर दी चांदी
टीम इंडिया ने इंग्लैंड को चौथे वनडे मुकाबले में पांच विकेट से रौंद कर इस साल की पहली सीरीज जीत का स्वाद चख लिया। पीसीए स्टेडियम में खेला गया यह मुकाबला काफी रोमांचक रहा। जहां रोहित शर्मा की शानदार वापसी हुई, वहीं, ईशांत शर्मा ने भी गेंदबाजी में अच्छी भूमिका निभाई। मध्यक्रम में सुरेश रैना की साहसिक
मोहाली। टीम इंडिया ने इंग्लैंड को चौथे वनडे मुकाबले में पांच विकेट से रौंद कर इस साल की पहली सीरीज जीत का स्वाद चख लिया। पीसीए स्टेडियम में खेला गया यह मुकाबला काफी रोमांचक रहा। जहां रोहित शर्मा की शानदार वापसी हुई, वहीं, ईशांत शर्मा ने भी गेंदबाजी में अच्छी भूमिका निभाई। मध्यक्रम में सुरेश रैना की साहसिक पारी भी टीम इंडिया के बहुत काम आई और अंग्रेज पांच विकेट से हार गए।
टीम इंडिया की जीत के मुख्य रूप से ये पांच कारण हैं :
1. रोहित शर्मा की शानदार वापसी : कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने चौथे वनडे के लिए अजिंक्य रहाणे के बदले रोहित शर्मा को अंतिम एकादश में शामिल किया था। उनके इस फैसले को शर्मा ने बेहतर साबित कर दिया। गौतम गंभीर के साथ मिलकर रोहित ने पारी की शुरुआत की और शानदार 83 रन बनाए। इसके लिए उन्होंने महज 93 गेंदों का सामना किया। अपनी पारी में उन्होंने 11 चौके और एक गगनचुंबी छक्का लगाया। 258 रनों की चुनौती के लिए रोहित के इस योगदान को नहीं भुलाया जा सकता।
2. मध्यक्रम में सुरेश रैना की धमाकेदार पारी : युवराज सिंह जब सस्ते में पवेलियन लौट गए तब टीम इंडिया की जीत थोड़ी मुश्किल दिखने लगी। उस समय सिर्फ 90 रन ही बने थे और तीन खिलाड़ी आउट हो चुके थे। ऐसे में टीम इंडिया की बागडोर अब सुरेश रैना के हाथों में थी। रैना ने इस उम्मीद को बनाए रखा और तेजी के साथ खेलते हुए 79 गेंदों में नाबाद 89 रन बना डाले। उन्होंने 9 चौके और एक छक्का लगाया। टीम इंडिया की जीत तक वे क्रीज पर टिके रहे। पहले महेंद्र सिंह धौनी फिर रविंद्र जडेजा के साथ शानदार साझेदार कर उन्होंने टीम इंडिया को मुश्किल घड़ी से बाहर निकाल दिया।
3. गेंदबाजों का बढि़या प्रदर्शन, खासकर ईशांत शर्मा : इंग्लैंड की टीम पहले खेलते हुए निर्धारित 50 ओवरों में 7 विकेट के नुकसान पर सिर्फ 257 रन ही बना सकी। इसमें कोई शक नहीं कि गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के कारण ही अंग्रेज बड़ा स्कोर खड़ा नहीं कर पाए। टीम इंडिया की तरफ से भुवनेश्वर कुमार और शमी अहमद ने गेंदबाजी की शुरुआत की। दोनों ने काफी अच्छी लाइन-लेंथ से गेंदबाजी की। कल खेले गए इस मुकाबले में ईशांत शर्मा ने काफी प्रभावित किया। उन्होंने दो विकेट तो लिए ही, केविन पीटरसन को भी काफी परेशान किया।
4. टॉस की भूमिका : क्यूरेटर ने पहले ही यह बता दिया था कि ठंड के कारण मोहाली की पिच पर शुरुआत में तेज गेंदबाजों को मदद मिलेगी। गेंद स्विंग होगी और विकेट लेने में आसानी होगी। अब ऐसे में भला कोई कप्तान टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का जोखिम नहीं उठा सकता था। किस्मत ने महेंद्र सिंह धौनी का साथ दिया और उन्होंने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। यह फैसला भारत के हक में रहा और हम मैच के साथ-साथ सीरीज भी 3-1 से जीत गए।
5. अंपायर का सहारा : इस मैच में अंपायर की भूमिका को भी नहीं नकारा जा सकता। मैच के 36वें ओवर की पहली गेंद पर स्टीवन फिन की गेंद पर सुरेश रैना स्लिप में कुक को आसान से कैच दे बैठे, लेकिन अंपायर ने उस गेंद को डेड करार दे दिया और वे बाल-बाल बच गए। टीम इंडिया के लिए यह फैसला काफी मददगार रहा। उसके बाद रैना ने अर्धशतक भी लगाया और अंत तक नाबाद रहे।
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