एशियाई चैंपियनशिप: साक्षी पर होंगी सबकी नजरें
पिछले साल थाईलैंड के बैंकाक में हुई इस प्रतियोगिता में भारत ने एक स्वर्ण, तीन रजत और पांच कांस्य पदक सहित कुल नौ पदक जीते थे।
नई दिल्ली, प्रेट्र। रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक बुधवार से शुरू हो रही एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में आकर्षण का केंद्र होंगी और नए वजन वर्ग में भारतीय चुनौती की अगुआई करेंगी। रियो में 58 किग्रा में कांस्य पदक जीतने वाली साक्षी अब 60 किग्रा में अपनी दावेदारी पेश करेंगी, जबकि सरिता उनकी जगह 58 किग्रा में उतरेंगी। इन दोनों ने आपसी सहमति से अपने वजन वर्ग बदलने का फैसला किया है। कुश्ती की वैश्विक संस्था ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया है।
योगेश्वर दत्त, सुशील कुमार और फोगाट बहनों गीता और बबीता की गैरमौजूदगी में साक्षी, ओलंपियन संदीप तोमर और बजरंग पूनिया पिछले साल के भारत के प्रदर्शन में सुधार की कोशिश करेंगे। पिछले साल थाईलैंड के बैंकाक में हुई इस प्रतियोगिता में भारत ने एक स्वर्ण, तीन रजत और पांच कांस्य पदक सहित कुल नौ पदक जीते थे। बैंकाक में संदीप (पुरुष 57 किग्रा फ्रीस्टाइल) ही भारतीय पहलवानों में स्वर्ण पदक जीत पाए थे। भारतीय पहलवानों के लिए इस साल यह पहली बड़ी प्रतियोगिता है और भारत ने 24 सदस्यीय मजबूत टीम उतारी है, जिसमें फ्रीस्टाइल, महिला और ग्रीकोरोमन वर्ग में आठ-आठ पहलवान शामिल हैं।
24 स्वर्ण होंगे दांव पर
प्रतियोगिता के दौरान फ्रीस्टाइल में 112, ग्रीकोरोमन में 103 और महिला वर्ग में 83 पहलवान शिरकत करेंगी। प्रतियोगिता के दौरान 24 स्वर्ण और इतने ही रजत पदक के अलावा 48 कांस्य पदक दांव पर होंगे। भारत के अलावा ईरान, उज्बेकिस्तान, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, जापान, कोरिया, चीन और मंगोलिया जैसे देशों के शीर्ष पहलवान केडी जाधव रेसलिंग एरेना में पांच दिवसीय प्रतियोगिता के दौरान प्रतिस्पर्धा पेश करेंगे।
साक्षी ने ट्रायल में दिखाया था दम
भारतीय प्रशंसकों की नजरें 60 किग्रा वर्ग में साक्षी पर टिकी होंगी। रियो ओलंपिक के दौरान पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी साक्षी ने खेलों के महाकुंभ के बाद इस साल सिर्फ प्रो कुश्ती लीग में हिस्सा लिया और कुछ ही मुकाबलों में शिरकत की। लेकिन उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप के लिए लखनऊ में हुए ट्रॉयल में मंजू को 10-0 से मात दी थी।
वीनेश और रितु से आस
अन्य महिला पहलवान जिनसे उम्मीद है, वे हैं फोगाट बहनें वीनेश और रितु। 2014 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता वीनेश जो रियो ओलंपिक में गंभीर रूप से चोटिल हो गयी थीं इस चैंपियनशिप के जरिये वापसी करेंगी। वीनेश ने पिछली बार 53 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता था। पिछली बार मामूली अंतर से पदक से चूक गयी रितु उम्मीद है इस बार कोई कसर नहीं छोड़ेंगी।
सत्यव्रत होंगे आकर्षण का केंद्र
पुरुष वर्ग फ्रीस्टाइल में संदीप और बजरंग (65 किग्रा) के अलावा जितेंद्र (75 किग्रा) से पदक की उम्मीद होगी, जो दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार और निलंबित नरसिंह यादव के साये से उबरने का प्रयास कर रहे हैं। साक्षी के पति सत्यव्रत कादियान (97 किग्रा) को भी मैट पर संघर्ष करते देखना दिलचस्प होगा। ट्रायल के दौरान मासूम खत्री ने उनको वॉकओवर दे दिया था। ग्रीकोरोमन में भारत कभी ताकतवर नहीं रहा, लेकिन अपने घर पर हो रही प्रतियोगिता में कोई भी चौंका सकता है।
पाकिस्तानी पहलवानों को वीजा नहीं
भारतीय उच्चायोग ने पाकिस्तानी पहलवानों को इस चैंपियनशिप के लिए वीजा नहीं दिया है। पाकिस्तान ने मुहम्मद इनाम बट और मुहम्मद बिलाल को क्षेत्रीय प्रतियोगिता में प्रतिनिधित्व के लिए चुना था, लेकिन भारत ने उनका वीजा का आवेदन ठुकरा दिया।