JBCCI 11: वेतन समझौते को लेकर दो सितंबर को कोलकाता में होगी छठी बैठक, हंगामे के भरपूर आसार
कोयला वेतन समझौता को लेकर ज्वाइंट बाइपराइट कमेटी ऑफ कोल इंडस्ट्रीज (जेबीसीसीआइ) की छठी बैठक काफी हंगामेदार होने की पूरी संभावना है। बैठक 2 सितंबर को कोलकाता में कोल इंडिया मुख्यालय में होगी। करीब 2 लाख 65 हजार कोयला मजदूरों की वेतन बढ़ोतरी होनी है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: कोयला वेतन समझौता को लेकर ज्वाइंट बाइपराइट कमेटी ऑफ कोल इंडस्ट्रीज (जेबीसीसीआइ) की छठी बैठक काफी हंगामेदार होने की पूरी संभावना है। बैठक 2 सितंबर को कोलकाता में कोल इंडिया मुख्यालय में होगी। इसको लेकर कोल इंडिया प्रबंधन के कार्यकारी निदेशक कार्मिक अजय कुमार चौधरी ने बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी है। करीब 2 लाख 65 हजार कोयला मजदूरों की वेतन बढ़ोतरी होनी है।
अपने-अपने एजेंडे पर अड़े प्रबंधन और यूनियन
कोयला क्षेत्र में वेतन समझौते को लेकर प्रबंधन और यूनियनों के अपने अपने एजेंडे हैं। इस पर बामुश्किल सहमति बनने की संभावना है। पांचवीं बैठक में बात नहीं बनने पर कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी तक को यूनियन ने लिखित रूप से हस्तक्षेप करने का कहा। इसके बाद कोयला मंत्री ने कोयला सचिव को इसका दायित्व दिया।
बहरहाल दो सितंबर को होनेवाली बैठक की अध्यक्षता कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल, निदेशक कार्मिक विनय रंजन, बीसीसीएल सीएमडी समीरन दत्ता, सीसीएल सीएमडी पीएम प्रसाद, एसईसीएल सीएमडी पीएस मिश्रा, सीएमपीडीआइएल सीएमडी मनोज कुमार, एनसीएल सीएमडी भोला सिंह, कार्यकारी निदेशक वित्त सुनील महेता, कार्यकारी निदेशक कार्मिक अजय कुमार चौधरी सहित यूनियन की ओर से बीएमएस के के. लक्ष्मा रेड्डी, सुरेंद्र पांडेय, सुधीर घुर्डे, एटक के रमेंद्र कुमार, आरसी सिंह, लखन लाल महतो, वी. सीतारमैया, हरिद्वार सिंह, एनी चक्रवर्ती, एचएमएच के नाथूलाल पांडे, एसके पांडे, सिद्धार्थ गौतम, सीटू के सुजीत बनर्जी, अरूप चटर्जी , डीडी रामानंदन सहित सभी जेबीसीसीआइ सदस्य मौजूद रहेंगे।
कोल इंडिया रो रही वित्तीय संकट का रोना, बीसीसीएल, ईसीएल व सीसीएल पर पड़ेगा भार
एक ओर जहां यूनियन अपनी मांग को लेकर अडिग हैं, वहीं कोल इंडिया आर्थिक संकट का रोना रो रही है। इससे पहले हुई बैठकों में कंपनी के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने यूनियन के समक्ष वित्तीय संकट की समस्या बताई थी और कहा था कि 50 प्रतिशत एमजीबी से करीब 56 हजार करोड़ रुपये का वित्तीय भार आएगा। अग्रवाल ने कहा था कि बीसीसीएल, सीसीएल, ईसीएल जैसी कंपनियों की स्थिति ठीक नहीं है। 50 प्रतिशत वेतन वृद्धि कर दी तो इन कंपनियों में बंदी की नौबत आ जाएगी।