Move to Jagran APP

Punjab Politics: बंदी सिंहों की रिहाई को लेकर एसजीपीसी ने निकाला मार्च, प्रधानमंत्री मोदी से लगाई गुहार

एसजीपीसी ने बंदी सिंहों की रिहाई को लेकर शुक्रवार को रोष मार्च निकाला। इसका नेतृत्व प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने किया। उन्होंने कहा कि बंदी सिंहों के मुद्दे पर लंबे समय से सरकार इंसाफ नहीं दे रही है

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 12:14 PM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 12:14 PM (IST)
Punjab Politics: बंदी सिंहों की रिहाई को लेकर एसजीपीसी ने निकाला मार्च, प्रधानमंत्री मोदी से लगाई गुहार
अमृतसर में शनिवार को बंदी सिंहों की रिहाई को लेकर रोष मार्च निकालते हुए एसजीपीसी अध्यक्ष और पदाधिकारी।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने बंदी सिंहों की रिहाई को लेकर संघर्ष को और तेज कर दिया है। शनिवार को पूरे पंजाब भर में एसजीपीसी की तरफ से जिला हेडक्वार्टरों में रोष मार्च निकाला गया और डिप्टी कमिश्नरों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का मांग पत्र देकर बंदी सिंहों की रिहाई की मांग की गई।

loksabha election banner

एसजीपीसी इसके बाद 15 अगस्त को रोष प्रदर्शन भी करेगी। एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के नेतृत्व में निकाले गए रोष मार्च में एसजीपीसी पदाधिकारियों व कर्मचारियों ने काली दस्तार पहनकर रोष जताया।

शांतिपूर्वक तरीके से निकाले गए रोष मार्च में सतनाम वाहेगुरू का जाप करते हुए संगत डीसी दफ्तर तक पहुंची। यह रोष मार्च श्री दरबार साहिब से शुरु हुआ, जोकि विभिन्न बाजारों से होता हुआ लघु सचिवालय स्थित डीसी दफ्तर तक पहुंचा। यहां पर एसडीएम-2 हरप्रीत सिंह ने एसजीपीसी पदाधिकारियों से मांग पत्र लिया।

एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि लंबे समय से सरकार इंसाफ नहीं दे रही है, इसका मतलब यह है कि वह इंसाफ नहीं देना चाहती। वह इसमें कोई खलल नहीं डाल रहे है, वह सिर्फ अपना हक मांग रहे है।

उन्होंने कहा कि विभिन्न जेलों में बंद बंदी सिंहों की जितनी सजा दी गई थी, उतनी सजा वह पूरी कर चुके है। अगर सरकार उनकी कोई सुनवाई नहीं करती है तो उन्हें मजबूरन सड़कों पर उतरना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के बाद भी उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है। अगर इतिहास को देख लिया जाए तो देश के लिए सबसे ज्यादा कुर्बानियां पंजाबियों ने ही दी है।

आज भी सरहदों पर सबसे अधिक सिख है। इसके बावजूद उन्हें अपना हक लेने के लिए सड़को पर उतरने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी कोई सुनवाई नहीं होती है तो वह रणनीति तैयार करेंगे और संघर्ष को और तेज किया जाएगा।

यह भी पढ़ें - जालंधर में बंदी सिखों की रिहाई की मांग को लेकर एसडीएम को दिया मांग पत्र

जासं, जालंधर। सजा पूरी कर चुके बंदी सिखों की रिहाई की मांग को लेकर जिले के सिख संगठन तथा एसजीपीसी सदस्य कुलवंत सिंह मनन ने डीसी आफिस के बाहर रोष प्रदर्शन किया। इसके बाद प्रतिनिधियों ने एसडीएम डा. जय इंद्र सिंह को मांग पत्र देकर बंदी सिखों की तुरंत रिहाई की मांग रखी।

इस दौरान कुलवंत सिंह मनन, रणजीत सिंह राणा तथा राजबीर सिंह ने कहा कि अपनी सजा पूरी करने के बावजूद बंदी सिंहों को रिहा न करके न केवल सिख संगत की भावनाओं को आहत किया जा रहा है बल्कि कानून तथा नियमों को भी दरकिनार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मांग को लेकर पहले भी कई बार आवाज बुलंद की जा चुकी है।

बावजूद इसके न तो अधिकारी गंभीरता दिखा रहे हैं तथा न ही कभी सरकार ने पहल कदमी की है। उन्होंने कहा कि अगर बंदी सिंहों को जल्द रिहा ना किया गया तो भविष्य में संघर्ष तेज करने को विवश होंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.