Bhagalpur Bridge Collapse: पुल गिरने के 12 घंटे बाद लापता गार्ड की तलाश शुरू, SDRF की टीम चला रही सर्च अभियान
गंगा नदी में अगुवानी-सुल्तानगंज पुल गिरने के बाद पाया संख्या 10 पर तैनात गार्ड लापता है। सूचना पर रविवार की रात ही खगड़िया एसडीआरएफ की टीम अगुवानी पहुंच गई। रात होने के कारण खोजबीन अभियान नहीं चलाया गया।
भागलपुर/ खगड़िया, जागरण संवाददाता। Bhagalpur Bridge Collapse: बिहार के भागलपुर और खगड़िया जिले को जोड़ने वाली निर्माणाधीन अगुवानी-सुल्तानगंज पुल (Aguwani Sultanganj Ganga Bridge) रविवार की शाम भरभराकर गंगा नदी में समा गया। इस घटना के बाद पुल पर कार्यरत एक गार्ड लापता है।
बताया जा रहा है कि खीराडीह निवासी विभास कुमार पुल के पाया नंबर 10 पर ड्यूटी कर रहे थे। सूचना पर रविवार की रात ही खगड़िया एसडीआरएफ की टीम अगुवानी पहुंच गई। रात होने के कारण खोजबीन अभियान नहीं चलाया गया।
सोमवार की सुबह 5 बजे से एसडीआरएफ के एसआइ रामाशीष कुमार के नेतृत्व में दो मोटरबोट के सहारे एसडीआरएफ की 10 सदस्यीय टीम गंगा में खोजबीन अभियान चला रही है। एसडीआरएफ के सब इंस्पेक्टर धुरंधर सिंह ने बताया कि अभी तक विभास कुमार का कोई अता-पता नहीं है।
वहीं, विभास कुमार की पत्नी आशा देवी, बच्चे समेत खीराडीह गांव के 50 से अधिक लोग अगुवानी गंगा तट पर पहुंचे हुए हैं। विभास की पत्नी ने बताया कि वे रविवार की संध्या 5 बजे खीराडीह स्थित आवास से अगुवानी के लिए निकले थे। उन्होंने अपनी बाइक पाया नंबर 13 पर लगाया और पाया नंबर 10 पर ड्यूटी करने चले गए।
अगुवानी गंगा घाट पर मौजूद विभास कुमार की पत्नी-बच्चे और स्वजन
पत्नी समेत अन्य स्वजन अनहोनी की आशंका से त्रस्त हैं। सभी का ध्यान एसडीआरएफ की अभियान की ओर केंद्रित है। घटना के बाद विभास कुमार के बहन खुशबू की तबीयत बिगड़ गई है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम खगड़िया के कार्यपालक अभियंता योगेंद्र कुमार घटनास्थल पर टीम के साथ कैंप कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आईआईटी रुड़की की जांच टीम आएगी। फिलहाल पुल निर्माण से संबंधित कार्य बंद है। एप्रोच पथ का काम जारी है।
ताश के पत्तों की तरह ढह गया पुल
बता दें कि रविवार की शाम लगभग 6 बजे 1710 करोड़ से बनाये जाने वाले अगुवानी-सुल्तानगंज गंगा पुल का पिलर नम्बर 10, 11 व 12 सुपर स्ट्रक्चर गिरकर ध्वस्त हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ताश के पत्तों की तरह एकाएक पिलर नम्बर 10, 11 और 12 अपनी सभी संरचनाओं के साथ गंगा में समा गया।
भारी-भरकम पिलरों के गिरने के साथ ही गंगा के पानी में लगभग 100 फीट ऊंचा उछाल आया। ऐसा लगा मानो भयानक भूचाल आया हो। पुल गिरते ही गंगा की लहरें लगभग दो किलोमीटर तक भयानक हिलोरें लेने लगी। गंगा के दोनों ओर नहाने के लिए जो लोग पानी में उतरे थे, सभी जान बचाते हुए उसी अवस्था में भागे।
पुल गिरते ही भाग गए कर्मचारी और अधिकारी
मौके पर मौजूद लोगों ने पुल गिरने का वीडियो बनाया, जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जंगल की आग की तरह पल भर में सूचना दूर-दूर तक फैल गई। इसी बीच पुल निर्माण से जुड़े तमाम कर्मचारी और अधिकारी अपनी जगह से फरार हो गए। हालांकि, इस घटना में नाव से यात्रा कर रहे लोग बाल-बाल बच गए।
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