Move to Jagran APP

संक्षेप में पढ़िए - कानपुर नगर की शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी खबरें

कानपुर में शिक्षा के क्षेत्र में रोजाना अलग-अलग जगह से गतिविधियां होती रहती है। रविवार भी शहर में शिक्षा विभाग से जुड़ी कई अहम खबरें मिली है। हम आपको यहां शिक्षा से जुड़ी हर छोटी-बड़ी खबरें बता रहे है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 14 Aug 2022 09:06 PM (IST)Updated: Sun, 14 Aug 2022 09:06 PM (IST)
संक्षेप में पढ़िए - कानपुर नगर की शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी खबरें
कानपुर नगर में शिक्षा से जुड़ी खबरें।

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर मौन जुलूस

loksabha election banner

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसएवि) में रविवार को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर संगोष्ठी आयोजित हुई। इसमें विभाजन के दौरान शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद तिरंगा लेकर परिसर में मौन जुलूस निकाला गया। मीडिया प्रभारी डा. खलील खान ने बताया कि राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र-छात्राओं ने विभाजन विभीषिका पर लघु नाटिका प्रस्तुत की।

राजर्षि टंडन विश्वविद्यालय के केंद्र से निकाली तिरंगा यात्रा

उप्र राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज के वीएसएसडी कालेज स्थित केंद्र में आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में रविवार को ढाई किलोमीटर की तिरंगा यात्रा निकाली गई। यात्रा कालेज से चिड़ियाघर, गंगा बैराज, अटल घाट चौराहा होते हुए लौटी। 100 से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने हाथ में तिरंगा लेकर आजादी के नारे लगाए और देशभक्ति के तराने गाए। केंद्र की समन्वयक डा. सुचिता चतुर्वेदी, अभिषेक सिंह रहे।

देश का बंटवारा 20वीं सदी की सबसे बड़ी त्रासदी

कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर संगोष्ठी हुई। प्राचार्य प्रो. पूनम विज ने बताया कि आजादी बंटवारे की कीमत पर मिली थी। यह 20वीं सदी की सबसे बड़ी त्रासदी थी। डा. सोनम सिंह ने बताया कि करोड़ों लोग प्रभावित हुए। हिंसा में 10 लाख लोगों की जान चली गई। पौने दो करोड़ शरणार्थियों ने बहुमत संप्रदाय वाले देश में शरण ली। डा. स्निग्धा मिश्रा व कुछ छात्राओं ने भी विचार रखे। इससे पूर्व झंडारोहण भी हुआ।

आज भी ताजा हैं देश के बंटवारे पर मिले जख्म

डीजी कालेज में विभाजन की विभीषिका पर वेबिनार का आयोजन किया गया। विशिष्ट वक्ता डा. सुबोध सक्सेना ने बताया कि विभाजन की नींव बंगाल विभाजन से शुरू हुई और हिंदुस्तान व पाकिस्तान बंटवारे पर असहनीय हुई। डा. इंद्रमणि ने बताया कि एक तरफ आजादी की खुशी थी तो दूसरी तरफ कत्ल ए आम, लूटपाट, बेघर व अनाथ हुए लोग थे। प्राचार्य प्रो. सुनंदा दुबे ने कहा कि वह जख्म आज तक ताजा है। डा. अर्चना वर्मा, डा. स्वाती ने भी विचार रखे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.