'दो बेटियों से उनका पिता करता था गंदा काम...' न्याय दिला रश्मी रथी को मिला सुकून और हौसला
बिहार पुलिस महकमे में दारोगा रश्मि रथी अभी मुंगेर के जमालपुर में तैनात हैं। वो बताती हैं कि एक केस ने उन्हें सबसे ज्यादा आहत किया। लेकिन इसी केस ने उनकी कार्यशैली भी बदल दी। बच्चियों को न्याय मिला तो उन्हें सुकून और हौसला।
राज सिन्हा, जमालपुर (मुंगेर) : रश्मि रथी नाम की तरह बहादुर और निर्भीक पुलिस पदाधिकारी है। रथी का मतलब योद्धा, साहसी और बहादुर होता है। अपने नाम के अनुसार ही महिला दरोगा अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही है। लोगों में पुलिस के प्रति भरोसा और विश्वास का अलख जगा रही है। खाकी वर्दी पहनकर बदमाशों को सलाखों के पीछे भेज रही है। 2018 बैच की महिला दरोगा ने बचपन से ही वर्दी पहन कर जुल्म के खिलाफ असहायों को न्याय दिलाने की संकल्प लिया था।
कड़ी मेहनत और लगन के साथ एकाग्रता को ध्यान में रखकर लक्ष्य केंद्रित किया और खाकी वर्दी पहन ली। लगभग साढ़े तीन वर्षों से मुंगेर जिला में सेवा दे रही रश्मि रथी ने बताया कि बचपन से वर्दी पहनने की इच्छा थी। बीपीएससी की तैयारी भी करती थी। दारोगा बहाली में जब चयनित हो गई तो पुलिस में अपनी सेवा देने के लिए योगदान दे दिया। जमालपुर थाना में प्रतिनियुक्ति के पहले वह कासिम बाजार और तारापुर थाना में बदमाशों को सबक सीखा चुकी है। रश्मि बेगूसराय की रहने वाली है और एक सामान्य परिवार से आती है।
एक घटना से बढ़ गया हौसला
वो बताती हैं कि उनके कार्यकाल में जमालपुर थाने में मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला आया। इसमें कार्रवाई करने के बाद हौसले को नई ऊंचाई मिल गई। एक पिता अपनी दो बेटियों के साथ पांच वर्षों से नाजायज संबंध रखे हुआ था। एक बेटी ने इसकी मौखिक शिकायत की। बच्ची की बातों को गंभीरता से सुना और उसे न्याय दिलाने का भरोसा दिया। बच्ची मानसिक रूप से तनाव में रहती थी। हिम्मत देकर आवेदन लिखवाया गया। मामले में सच्चाई को मंथन करते हुए दोषी को गिरफ्तार किया। बेटी की गवाही के बाद पिता आज भी सलाखों के पीछे है। इस घटना ने महिला दरोगा का आत्मविश्वास को बढ़ा दिया। रश्मि रथी कहती हैं, 'बच्चियों को न्याय दिला मुझे सुकून मिला लेकिन वो मामला आज भी जहन में है।'
गैंग पर कार्रवाई में अहम भूमिका
जिले में कटिहार के कोढ़ा गैंग निरंतर रूप से घटना को अंजाम दे रहा था। पुलिस के लिए लगातार चुनौती बन गया था। उस समय जमालपुर थाना क्षेत्र के स्टेट बैंक के समीप से गैंग के दो तीन सदस्यों की गिरफ्तारी बाइक चोरी के दौरान की गई थी। थानाध्यक्ष, डीआइओ टीम के साथ रश्मि रथी की भी भूमिका काफी सराहनीय थी। पुलिस अधीक्षक जग्गुगन्नाथ रेड्डी जला रेड्डी ने पुरुस्कृत भी किया था। वह कहती है थानाध्यक्ष और पुलिस अधीक्षक का बराबर मार्गदर्शन मिलता है। उचित मार्गदर्शन के बदौलत हर कठिन मामले आसानी से सुलझ जाता है।