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जांबाज बजट पर त्रिवेदी शहीद, अब मुकुल चलाएंगे रेल

देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी रेल मंत्री ने बजट पेश किया और प्रधानमंत्री को उसी दिन उन्हें हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसकी वजह बना रेल किराये में बढ़ोतरी का प्रस्ताव। तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी की प्रधानमंत्री को चिट्ठी के बाद दिनेश त्रिवेदी ने इस्तीफा दे दिया। प्रधानमंत्री ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है।

By Edited By: Published: Thu, 15 Mar 2012 07:53 AM (IST)Updated: Thu, 15 Mar 2012 03:09 PM (IST)
जांबाज बजट पर त्रिवेदी शहीद, अब मुकुल चलाएंगे रेल

नई दिल्ली। देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी रेल मंत्री ने बजट पेश किया और प्रधानमंत्री को उसी दिन उन्हें हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसकी वजह बना रेल किराये में बढ़ोतरी का प्रस्ताव। तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी की प्रधानमंत्री को चिट्ठी के बाद दिनेश त्रिवेदी ने इस्तीफा दे दिया। प्रधानमंत्री ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है।

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बुधवार को बजट पेश करते समय शायद रेल मंत्री को इसका अंदेशा नहीं था कि उनके प्रस्ताव पर ऐसा राजनीतिक तूफान उठेगा। भाषण खत्म होते ही उनकी पार्टी तृणमूल काग्रेस की प्रमुख व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आग-बबूला हो उठीं। उनके साथ पार्टी के कई सासद और नेता किराये में बढ़ोतरी के खिलाफ खड़े हो गए। ममता ने स्पष्ट कर दिया कि किसी भी कीमत पर किराया बढ़ोतरी नहीं होने दी जाएगी। लगे हाथ उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चिट्ठी भेजकर दिनेश त्रिवेदी को मंत्री पद से हटाने की सिफारिश कर दी। सूत्रों के अनुसार ममता ने अपनी चिट्ठी में त्रिवेदी की जगह तृणमूल सासद मुकुल रॉय को रेल मंत्री बनाने की अनुशसा की। देर रात त्रिवेदी ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री के पास भेज दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।

इससे पहले प्रधानमंत्री के आवास पर आपात बैठक हुई। इसमें मनमोहन सिंह के अलावा सोनिया गाधी, प्रणब, पी चिदंबरम, एके एंटनी और काग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल भी मौजूद थे। ममता को साधने के लिए काग्रेस ने एक बार फिर अपने वरिष्ठ एवं अनुभवी नेता प्रणब मुखर्जी को मोर्चे पर लगाया। लेकिन, ममता टस से मस नहीं हुईं। ममता को त्रिवेदी का वह बयान नागवार गुजरा जिसमें उन्होंने कहा था कि मेरी पहली जिम्मेदारी देश के लिए है। यह गलतफहमी है कि रेल मंत्रालय राइटर्स बिल्डिंग से चलता है।

पहले से नाराज थीं दीदी

तृणमूल को आशका है कि दिनेश त्रिवेदी ने काग्रेस के इशारे पर ही तृणमूल की मूल नीति को नजरअंदाज कर किराया बढ़ोतरी का एलान किया। सूत्रों का कहना है कि रिटेल एफडीआई और एनसीटीसी पर कैबिनेट में त्रिवेदी की चुप्पी से भी ममता नाराज थीं। यह नाराजगी तब और बढ़ गई जब एक कार्यक्रम में त्रिवेदी ने कह दिया कि तृणमूल काग्रेस भी मध्यावधि चुनाव चाहती है, ताकि लोकसभा में अपनी शक्ति बढ़ा सके। इस स्थिति में पहले से ही उन्हें कैबिनेट से हटाने पर विचार शुरू हो गया था।

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