पटना न्याय मंडल में लगी राष्ट्रीय लोक अदालत में 3782 मामले निष्पादित
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार नई दिल्ली के तत्वावधान में लोक अदालत का आयोजन किया गया।
पटना : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार नई दिल्ली के तत्वावधान में एवं बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार पटना के निर्देश पर पटना सिविल कोर्ट में शनिवार को लगी राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 3781 मामलों का निष्पादन किया गया। इसमें पोस्ट लिटिगेशन के 1923 मामले और प्री लिटिगेशन के 1858 मामले शामिल हैं। क्लेम में लगभग चार करोड़ 67 लाख रुपये पर समझौता हुआ। पटना न्याय मंडल में बैकों के लिए 37.16 करोड़ रुपये की वसूली की गयी। प्रभारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सत्येन्द्र पांडेय की अध्यक्षता में तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव संतोष कुमार झा के नेतृत्व में लगी राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक एवं बीएसएनएल के कुल 1858 मामलों, क्रिमिनल कंपाउंडेबल से संबंधित 982 मामलों, एनआइ एक्ट से संबंधित 549 मामलों, इलेक्ट्रिसिटी से संबंधित 325 मामलों और दिवानी विवाद के 10 मामलों का निष्पादन किया गया। मामलों के निष्पादन के लिए पटना सिविल कोर्ट में ग्यारह बेंचों का गठन किया गया था। पटना न्याय मंडल में कुछ ल 29 बेंचों का गठन किया गया था।
पालीगंज में लोक अदालत पालीगंज में निबटाये गये कई मामले, वसूली गये 34 लाख संवाद सहयोगी, पालीगंज: राष्ट्रीय लोक अदालत पालीगंज व्यवहार न्यायालय में आयोजित हुई। इस कार्यक्रम में न्यायिक सदस्य रौशन कुमार छपोलिया गैर न्यायिक सदस्य हृषिकेश कोर्ट स्टाफ निशांत कुमार सन्तोष कुमार दीपक कुमार पियुन मनोज कुमार सिंह रहे लोक अदालत में पंजाब नैशनल बैंक भारतीय स्टेट बैंक दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक इंडियन बैंक भारत संचार निगम लिमिटेड श्रम विभाग आदि उपस्थित रहे। पंजाब नैशनल बैंक का 339 वाद में 9823478 रुपए समझौता हुआ जिसमें 2934514 रुपये प्राप्त हुआ। भारतीय स्टेट बैंक का 14 वाद का समझौता राशि 677972 रुपये में 240100 प्राप्त हुआ। दक्षिण बिहार ग्रमीण बैंक का 16 वाद का समझौता राशि 99000 रुपये में 19500 रुपये प्राप्त हुआ। इंडियन बैंक का 22 वाद में 1221016 रुपये में समझौता कर 218300 रुपये प्राप्त हुआ। भारत संचार निगम लिमिटेड का 11 वाद का निबटारा में 18055 रुपये समझौता में 8668 रूपये प्राप्त हुआ। कुल वाद 402 रहा। समझौता का कुल राशि 11839521 रुपये में वसूली की गई 3418082 रुपये हुआ। फौजदारी दिवानी श्रम का मामला बहुत की कम रहा।