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सुविधाओं के साथ सुधारों की सौगात, बजट विकास दर को बल देने का भी काम करेगा

इस बजट में खेती और किसानों के हितों को भी प्राथमिकता दी गई है। 20 लाख करोड़ रुपये के सरल कृषि ऋण फंड की व्यवस्था इसीलिए सुनिश्चित की गई है। प्राकृतिक खेती के लिए एक करोड़ किसानों के लिए पीएम प्रणाम योजना शुरू की जाएगी।

By Jagran NewsEdited By: Praveen Prasad SinghPublished: Fri, 03 Feb 2023 12:21 AM (IST)Updated: Fri, 03 Feb 2023 12:21 AM (IST)
सुविधाओं के साथ सुधारों की सौगात, बजट विकास दर को बल देने का भी काम करेगा
आम बजट मध्य वर्ग की क्रय शक्ति बढ़ाने के साथ विकास दर को बल देने का भी काम करेगा।

जयंतीलाल भंडारी : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत वित्त वर्ष 2023-24 का बजट एक ऐसा रणनीतिक बजट है, जिसके एक ओर आर्थिक सौगात दिखाई दे रही है, तो दूसरी ओर विकास दर बढ़ाने वाली रणनीति। इसी कारण वित्त मंत्री ने वर्ष 2023-24 के लिए छह प्रतिशत से अधिक की विकास दर का अनुमान जताया, जो दुनिया की सबसे ऊंची वृद्धि दर होगी। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने राजकोषीय प्रबंधन का बेहतर रोडमैप प्रस्तुत करते हुए वित्तीय घाटे को जीडीपी के 5.9 प्रतिशत तक रखने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

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अमृत काल का यह पहला बजट चुनौतीपूर्ण वैश्विक आर्थिक हालत में देश ही नहीं दुनिया भर में इसीलिए रेखांकित हो रहा है, क्योंकि उससे एक ओर भारत खाद्यान्न एवं ऊर्जा आपूर्ति के मददगार देश के रूप में दुनिया में नई भूमिका के लिए आगे बढ़ेगा, वहीं दूसरी ओर दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था के रूप में 2026-27 तक पांच ट्रिलियन (लाख करोड़) डालर के साथ-साथ विकसित अर्थव्यवस्था वाला देश बनने की डगर पर आगे बढ़ता हुआ दिखाई देगा। बजट में वित्त मंत्री की एक मुट्ठी आम आदमी की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए खुली, वहीं दूसरी आर्थिक सुधारों संबंधी प्रविधानों के लिए खुलते हुए दिखाई दी।

बजट में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को गतिशील करने के लिए ऐसे कई प्रविधानों की एक शृंखला हैं, जिनसे निर्यात और विदेशी निवेश में वृद्धि, उपभोक्ता मांग में तेजी, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में बड़ा सुधार दिखाई देगा। रोजगार बढ़ाने के लिए बजट में वित्त मंत्री बुनियादी ढांचे पर अब तक के रिकार्ड पूंजीगत व्यय की रणनीति पर आगे बढ़ी हैं। उन्होंने वर्ष 2023-24 के लिए पूंजीगत व्यय को 10 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचाया है। चूंकि भारत मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में उभरने की संभावनाएं रखता है, अतः वित्त मंत्री ने मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के लिए बजट में बड़े एलान किए हैं। बजट का चमकीला पक्ष नई पीढ़ी को नए तकनीकी दौर की जरूरतों से सुसज्जित करने का भी है।

बजट में युवाओं को सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए एजुकेशन, इनोवेशन, स्किल डेवलपमेंट और स्टार्टअप के क्षेत्र में कौशल कार्य योजना-4 की शुरुआत की है। इसके तहत कोडिंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआइ, रोबोटिक्स, मेक्ट्रोनिक्स, 3डी प्रिंटिग, ड्रोन और साफ्ट स्किल्स जैसे प्रशिक्षण दिए जाएंगे। 47 लाख युवाओं को कौशल विकास के लिए वजीफा भी दिया जाएगा। यह तीन वर्ष के लिए होगा। वजीफे की राशि का युवाओं के खातों में नकद हस्तांतरण होगा। इतना ही नहीं युवाओं को अंतरराष्ट्रीय अवसरों के मद्देनजर तैयार करने के लिए देश में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर स्थापित होंगे। साथ ही युवाओं को 5जी सर्विस पर चलने वाले एप्लीकेशन बनाने के लिए प्रशिक्षित करने हेतु इंजीनियरिंग संस्थानों में सौ लैब बनाई जाएंगी।

इस बजट में खेती और किसानों के हितों को भी प्राथमिकता दी गई है। 20 लाख करोड़ रुपये के सरल कृषि ऋण फंड की व्यवस्था इसीलिए सुनिश्चित की गई है। प्राकृतिक खेती के लिए एक करोड़ किसानों के लिए पीएम प्रणाम योजना शुरू की जाएगी। कृषि क्षेत्र के लिए दिए गए प्रोत्साहन के कारण ग्रामीण मांग को बढ़ावा मिलेगा और इससे विनिर्माण में सुधार के साथ ही कृषि उत्पादों के रिकार्ड निर्यात हेतु प्रोत्साहन भी सुनिश्चित किए गए हैं। यह महत्वपूर्ण है कि आर्थिक तस्वीर को बेहतर बनाने के लिए वित्त मंत्री बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्रों में सुधारों के लिए आगे बढ़ी हैं। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को पटरी पर लाने के लिए नौ हजार करोड़ रुपये की जो नई क्रेडिट गारंटी योजना लाई गई है, वह समय की मांग थी। इसके साथ ही सरकार ग्रामीण आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण को आगे बढ़ाने के प्रभावी प्रविधान करते हुए दिखाई दी है। नए बजट में आतिथ्य सत्कार, पर्यटन और अन्य सेवाओं को समर्थन दिया गया है। इसके साथ ही रक्षा बजट में भी 13 प्रतिशत की आवश्यक वृद्धि की गई है।

मध्य वर्ग की टैक्स छूट में वृद्धि की अपेक्षा भी पूरी हुई है। नई कर छूटों से अनुमान है कि करीब 90 प्रतिशत आयकरदाता कर भुगतान से राहत पाएंगे। छोटे करदाताओं और मध्य वर्ग की मुश्किलों के बीच आयकर के नए प्रारूप वाले टैक्स स्लैब का पुनः निर्धारण किया गया है। नई टैक्स व्यवस्था में कुल सात लाख रुपये तक की कमाई वालों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसके अलावा टैक्स स्लैब की संख्या सात से घटाकर पांच कर दी गई है। वित्त मंत्री ने महिला सम्मान बचत पत्र योजना का एलान भी किया है। इसके तहत महिलाएं दो साल तक दो लाख रुपये का निवेश कर सकेंगी। इस जमा पर टैक्स में छूट मिलेगी और 7.5 प्रतिशत का रिटर्न मिलेगा। महिलाओं के लिए यह अपनी तरह की पहली स्कीम है। यह आगे भी जारी रहनी चाहिए।

बजट से वरिष्ठ नागरिक विशेष रूप से लाभान्वित होंगे। वस्तुत:, वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था को गतिशील करने, रोजगार के अवसरों को बढ़ाने, निवेश को प्रोत्साहन देने तथा विभिन्न वर्गों को राहत देने के लिए आर्थिक प्रोत्साहनों से लैस जो बजट प्रस्तुत किया है, उसे अभूतपूर्व कहा जा सकता है। इससे एक ओर मध्य वर्ग की क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिससे नई मांग का निर्माण होगा और उद्योग-कारोबार की गतिशीलता बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर विकास दर आगे बढ़ती दिखाई देगी। बजट की सफलता के लिए बजट का लक्ष्य के अनुरूप समुचित क्रियान्वयन और राजकोषीय घाटे पर नियंत्रण अहम होगा।

(लेखक एक्रोपोलिस इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट स्टडीज एंड रिसर्च, इंदौर के निदेशक हैं)


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