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मुजफ्फरपुर में साइबर ठग से रोचक अंदाज में बचा आनलाइन कंपनी के संचालक, अंत में खुल गई पोल

Muzaffarpur news सेना का अधिकारी बता मुजफ्फरपुर में पहले भी सेना दो चिकित्सकों से की जा चुकी ठगी। ठीक उसी अंदाज में साइबर फ्राड ने आनलाइन साइट से नंबर लेकर कंपनी के संचालक संपर्क किया। फिर उन्‍हें सामान स्‍टेडियम बुलाया।

By JagranEdited By: Dharmendra Kumar SinghPublished: Sat, 24 Sep 2022 09:16 PM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2022 09:16 PM (IST)
मुजफ्फरपुर में साइबर ठग से रोचक अंदाज में बचा आनलाइन कंपनी के संचालक, अंत में खुल गई पोल
लालच में आकर ठगी का शिकार हो रहे लोग। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

मुजफ्फरपुर, जासं। खुद को सेना का अधिकारी बताकर साइबर फ्राड गिरोह के बदमाशों ने आनलाइन कंपनी के संचालक से ठगी की कोशिश की। जागरूक होने की वजह से वे ठगी का शिकार होने से बच गए। साइबर ठग अब काल कर उन्हें हत्या की धमकी दे रहे हैं। ठगों ने सन्नी के मोबाइल पर आर्मी कैंटीन का आई कार्ड, पैन कार्ड व आधार की तस्वीर भेजी थी। आधार पर जम्मू-कश्मीर के राजपुरा सांबा का पता अंकित है। सन्नी ने साइबर क्राइम पोर्टल पर इसकी शिकायत की है। शिकायत दर्ज करने नगर थाना भी गए थे, लेकिन मामला काजीमोहम्मदपुर थाना क्षेत्र का होने की वजह से वहां से लौट गए।

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20 हजार रुपये डालने के लिए क्यूआर कोड भेजा 

कांटी असनगर के सन्नी गुप्ता आनलाइन बिजनेस करते हैं। आनलाइन साइट पर उन्होंने कंपनी का नंबर डाला हुआ है। साइबर ठगों ने आनलाइन साइट से नंबर लेकर उनसे संपर्क किया। काल करने वाले रंदीप सिंह नामक व्यक्ति ने खुद को सेना का अधिकारी बताया और कहा कि उन्हें अगरबत्ती के लिए 50 किलो परफ्यूम लेने हैं। वे मुजफ्फरपुर सेना भर्ती कार्यालय में तैनात हैं। परफ्यूम को लेकर सेना भर्ती कार्यालय आ जाएं। सन्नी जब परफ्यूम लेकर वहां पहुंचे तो उनसे कहा गया भर्ती कार्यालय में प्रवेश के लिए कार्ड बना देते हैं, आप बाइक की तस्वीर भेजिए।

सन्नी ने बाइक की तस्वीर भेजी। फिर एडवांस पेमेंट का झांसा देकर ठगों ने पे फोन का नंबर मांगा। इसके बाद क्यूआर कोड भेजा और चेक करने के लिए इस पर रुपये भेजने को कहा। झांसे में आए सन्नी ने उस पर एक रुपये भेज दिए। उधर से दो रुपये रिटर्न भेज दिया गया। फिर 20 हजार रुपये डालने के लिए क्यूआर कोड भेजा गया। उसके बाद सन्नी समझ गए कि वे साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं। जागरूक होने की वजह से ठगी से बच गए। बता दें कि इसके पूर्व भी साइबर ठगों ने बेला व रामदयालु इलाके के दो चिकित्सकों के खाते से जवानों की आंखों की जांच के नाम पर मोटी रकम उड़ा ली थी। मामला दर्ज हेने के बाद भी पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है।


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