चीन के सबसे बड़े मानव निर्मित जलप्रपात को करना पड़ सकता है बंद खर्च हुआ बर्दाश्त के बाहर
चीन में बने सबसे बड़े मानव निर्मित जल प्रपात को चालू रखने में दिक्कतें आने लगी हैं क्योंकि इसे चलाना बेहद मंहगा पड़ रहा है।
बन रहा है मजाक
साउथ चीन मार्निंग पोस्ट की खबर के मुताबिक दक्षिण पश्चिम चीन में एक गगनचुंबी इमारत पर बने दुनिया के सबसे बड़े मानव निर्मित जलप्रपात को चलाना मुश्किल होता जा रहा है। इस इमारत के मालिकों ने ये अब तक का सबसे बड़ा मानव-निर्मित जलप्रपात बना तो लिया है लेकिन अब वो उनके लिए सफेद हाथी बन चुका है क्योंकि इसे चालू रखने के लिए जितना खर्चा हो रहा है उनके पास उतने धन की नियमित व्यवस्था नहीं हो पा रही। इसी के चलते अब ये चीन में मजाक का मुद्दा बना हुआ है। लोग उसे बिना सोचे समझे किए जाने वाले कामों का हिस्सा बता रहे हैं आैर कह रहे हैं कि इसे बनाना एक मूर्खता पूर्ण निर्णय था।
साल 2016 में हुआ था निर्माण
गुइयांग में बना यह टॉवर 108 मीटर यानि 350 फीट ऊंचा है। जिसमें आगे की तरफ झुका हुआ जलप्रपात बना है। ये दो साल पहले ही बनकर तैयार हो गया था। तब से अब तक इसे छह बार ही चलाया गया है। जिस लीबियन इंटरनेशल बिल्डिंग पर इसे बनाया गया है वो वैसे अभी पूरी नहीं बनी है लेकिन जलप्रपात वाला ढांचा दो साल ही पहले बन कर पूरा हो चुका था। इमारत कोबना रही लुडी इंडस्ट्री ग्रुप ने बताया कि झरने के पानी को एकत्रित करने के लिए विशाल भूमिगत टैंकों का निर्माण किया गया है। कंपनी का मानना था कि ये प्रपात क्षेत्र की शुष्क और जलवायु को शीतलता देगा।
खर्च के बोझ से हुआ दोहरा
अभी तक कुल छह बार ही चलाये गए इस प्रपात के लिए 121 मंजिला ऊंची बिल्डिंग पर पानी पहुंचाने का एक घंटे का खर्च 120 डॉलर यानि करीब आठ हजार रुपये है। अब इसमें लगातार जल का प्रवाह बनाए रखने के लिए मालिकान को धन की कमी का सामना करना पड़ रहा है। टॉवर का मालिक प्रति घंटे इस पर खर्च होने वाली ऊंची रकम से परेशान है। इस ढांचे में प्रति घंटे जल ऊपर चढ़ाने में 800 युआन जो 120 अमेरिकी डॉलर के बराबर का खर्च आता है। इस इमारत में शॉपिंग मॉल, कार्यालय और लग्जरी होटल बनाने की योजना है। चीन के लोग इस परियोजना को पैसे की बर्बादी बता कर मजाक उड़ा रहे हैं।