नासा ला रहा है ग्रह खोजी यान, मिल सकते हैं एलियन भी
कुछ तकनीकी परेशानी के चलते बीते सोमवार होने वाला नासा का एक सैटेलाइट लॉन्च टाल दिया गया पर उसका उद्देश्य बेहद अनोखा है। ये सेटेलाइट ग्रहों को खोजेगा।
एलियन प्लैनेट खोजने वाला अनोखा स्पेस मिशन
नासा का प्लैनेट हंटर नाम का एक अंतरिक्ष यान अपने ब्रह्मांड में एक-दो नहीं बल्कि हजारों ग्रह खोजने जा रहा है। नासा इस माह धरती से सबसे बड़ा और अनोखा स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष की यात्रा पर भेज रहा है। ट्रांजिट एक्सोप्लनेट सर्वेक्षण सैटेलाइट यानि टीईएसएस नाम का यह स्पेसक्राफ्ट किसी खास ग्रह की परिक्रमा करने नहीं बल्कि अपने सौरमंडल के बाहर धरती जैसे ग्रह खोजने जा रहा है। नासा का यह मिशन पहले सोमवार को फ्लोरिडा के केप केनवेरल एयरफोर्स स्टेशन से स्थानीय समयानुसार शाम 6 बजकर 32 मिनट पर स्पेसएक्स रॉकेट द्वारा लॉन्च किया जाना था, पर उसे किसी तकनीकी खामी के चलते बुधवार तक के लिए टाल दिया गया।
हजारों ग्रहों की बारीकी से जांच करेगा
नासा का टीईएसएस स्पेसक्राफ्ट स्पेस साइंस से जुड़े सभी अत्याधुनिक उपकरण और टेलीस्कोप के साथ स्पेस एक्स के फैल्कॉन 9 रॉकेट द्वारा लॉन्च किया जा रहा है। अपने सौरमंडल के बाहर मौजूद छोटे या बड़े करीब 3700 ग्रह नासा ने केप्लर स्पेस टेलीस्कोप द्वारा सालों में खोजे हैं। एलियन प्लैनेट खोजने के नासा के उसी मिशन को अब टीईएसएस स्पेसक्राफ्ट और आगे ले जाएगा। यह स्पेसक्राफ्ट करीब 60 दिनों की यात्रा के बाद धरती और चांद के बीच एक नए ऑरबिट यानि कक्षा तक पहुंच जाएगा। इसके बाद यह स्पेसक्राफ्ट चांद और धरती के बीच हर ढाई हफ्ते में एक परिक्रमा पूरी करेगा। बता दें कि टेस स्पेसक्राफ्ट नासा के केप्लर टेलीस्कोप की ही तरह ट्रांजिट फोटोमेट्री तकनीक का इस्तेमाल करके सौरमंडल के आसपास के करीब 100 ग्रहों की कड़ी निगरानी करके उनके बारे में हर वो चीज पता लगाएगा, जो वैज्ञानिकों के लिए जरूरी है।
कैसा है ये उपग्रह
एक फ्रिज के आकार के इस स्पेसक्राफ्ट में सोलर पैनल के अलावा चार सबसे पावरफुल कैमरे लगे हैं, जो धरती से दिखने वाले करीब 2 लाख चुनिंदा तारों का चक्कर लगा रहे ग्रहों की पड़ताल करेगा। नासा इस स्पेस मिशन द्वारा कई एलियन प्लैनेटे्स का पता लगाने की कोशिश कर रहा है। हमारे सौर मंडल के बाहर धरती जैसे ग्रह खोजने निकले धरती के सबसे पहले मिशन यानि टेस स्पेसक्राफ्ट पर नासा ने 337 मिलियन डॉलर यानि करीब 22 अरब रुपए खर्च किए हैं। नासा का यह मिशन खर्चीला तो बहुत है, लेकिन अपने आप में कमाल का है। यह स्पेसक्राफ्ट हमारे सौरमंडल के बाहर तारों का चक्कर लगा रहे धरती जैसे पथरीले और ठोस ग्रहों को खोजने का लाजवाब काम करेगा। बता दें कि टेस मिशन ब्रम्हांड में कम गर्म और छोटे तारों का चक्कर लगा रहे ग्रहों पर खासतौर पर फोकस करेगा, क्योंकि नासा को उम्मीद है कि ऐसे ही तारों के ग्रहों पर धरती जैसी जमीन मिल सकती है, जो आगे की जांच में फसलों के लिए उपजाऊ भी हो सकती है।