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इस माउंटेनमैन ने बच्‍चों की खातिर खोद डाला पहाड़

एक माउंटेन मैन ने प्‍यार के लिए पहाड़ खोदा था इस बार भी वजह प्‍यार है पर बच्‍चों से और जगह है ओडिशा, आइये जाने कुछ ही जुनूनी लोगों के बारे में।

By Molly SethEdited By: Published: Thu, 11 Jan 2018 03:33 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jan 2018 03:33 PM (IST)
इस माउंटेनमैन ने बच्‍चों की खातिर खोद डाला पहाड़
इस माउंटेनमैन ने बच्‍चों की खातिर खोद डाला पहाड़


एक था दशरथ मांझी

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एक था ब‍िहार का माउंटेन मैन दशरथ मांझी, जिसने अकेले 22 साल तक पहाड़ खोदकर नया रास्‍ता बना दिया था, क्‍योंक‍ि इनकी पत्‍नी की पहाड़ से ग‍िरने की वजह से ही मौत हो गई थी। उनके जीवन पर एक फ‍िल्‍म भी बन चुकी है। बाद में इनसे प्रेर‍ित होकर कई लोग दशरथ मांझी बने। हाल ही में ओडिशा में भी एक शख्‍स अपने बच्‍चों के लि‍ए माउंटेन मैन मांझी बन गया और उसने पहाड़ पर हमला बोल दिया। 

बच्‍चों की पढ़ाई की खतिर जूझ गया चट्टानों से

ओडिशा के जालंधर नायक हाल ही में अपने तीन बच्‍चों को ब‍ेहतर श‍िक्षा द‍िलाने के ल‍िए दशरथ मांझी बन गए हैं। जालंधर नायक के बच्‍चे ज‍िस रास्‍ते से स्‍कूल जाते थे उस रास्‍ते में पहाड़ होने की वजह से उन्‍हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। तब नायक ने दो साल पहले बच्‍चों के ल‍िए बेहतर रास्‍ता बनाने का प्रण ल‍िया, ज‍िससे क‍ि बच्‍चे बेहतर तरीके से पढ़ सकें। इन दो साल में दिन-रात एक कर उन्‍होंने अकेले ही पहाड़ काटा, और 8 किलोमीटर की शानदार सड़क बना डाली। उनका इरादा है कि वह इस रास्‍ते को करीब 15 किलोमीटर तक और आगे तक बना लें। इनकी इस मेहनत से बड़ी संख्‍या में लोगों को राहत म‍िली है, और लोग जालंधर नायक की खूब तारीफ कर रहे हैं। उनके इस कदम को जानने के बाद जिलाधिकारी बृंद्धा डी ने उनको सम्मानित करने का फैसला किया है।

 

पत्‍नी के ल‍िए 40 द‍िन में कुंआ खोदा

2016 में नागपुर के वाशिम जिले बापुराव ताज्ने काफी चर्चा में रहे थे। इन्‍होंने 40 दिन में अपनी पत्‍नी के ल‍िए कुंआ खोद डाला था। इनके कुंआ खोदने के पीछे की वजह बड़ी खास रही है। दरअसल ताज्‍ने दल‍ित परिवार से हैं एक द‍िन इनकी पत्‍नी को कुएं के माल‍िक ने पानी भरने से मना कर दिया। तब उन्‍होंने फैसला किया कि वो खुद एक कुंआ खोदेंगे और मालि‍क के मना करने के एक घंटे के अंदर जमीन की खुदाई शुरू कर दी। इस दौरान लोगों ने उनका मजाक भी बनाया लेक‍िन उन्‍होंने हार नहीं मान। अब पूरे दलित समुदाय के लोग उस कुएं से पानी भर रहे हैं और उन लोगों को कहीं और से पानी लाने की जरुरत नहीं पड़ रही है। 

जमीन बेचकर नदी पर पुल बनवाया

इसी तरह साल 2015 में दशरथ मांझी से ही प्रेणना लेकर झारखंड के बचई महतो ने भी अनूठी मिसाल पेश की थी। हालांकि महतो ने किसी पहाड़ को नहीं खोदा बल्‍िक, नदी पर पुल बनाकर गांववालों की समस्‍या का समाधान निकाल दिया। इन्‍हें भी लोग दशरथ मांझी के नाम से ही पुकारते हैं। झारखंड के घोर नक्‍सल प्रभावित जिले गढ़वा के नगर इलाके के किसान बचई महतो ने अपनी खेती की जमीन बेच कर 65 फीट लंबे और 12 फीट चौड़े पुल का न‍िर्माण कराया। इस पुल‍ के न‍िर्माण के बाद से ग्रामीणों को करीब 5 किमी घूमकर शहर जाने की आवश्‍कता नहीं रही। महतो के इस कदम से झारखंड के लोग काफी खुश हुए।


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