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नासा को चौंकाते हुए धरती की बगल से गुजर गया एक विशाल एस्‍ट्रॉयड

अभी चंद रोज पहले नासा जैसी संस्‍था को भी चौंकाते हुए एक विशालकाय छुद्र ग्रह यानि एस्‍ट्रॉयड पृथ्‍वी के बगल से गुजरा और हम एक भारी खतरे से बाल बाल बचे।

By Molly SethEdited By: Published: Thu, 19 Apr 2018 11:44 AM (IST)Updated: Thu, 19 Apr 2018 11:44 AM (IST)
नासा को चौंकाते हुए धरती की बगल से गुजर गया एक विशाल एस्‍ट्रॉयड
नासा को चौंकाते हुए धरती की बगल से गुजर गया एक विशाल एस्‍ट्रॉयड

इतना विशाल की कर सकता था साइबेरिया के जंगलों को तबाह

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स्‍पेस एजेंसियों में सबसे आगे रहने वाला नासा दुनिया को हमेशा बताता रहता है कि कब कौन सा एस्ट्रॉयड धरती से टकरा सकता है, पर इस बार एक विशालकाय छुद्र ग्रह ने उसको भी चौंका दिया, क्‍योंकि उसे भी एकदम आखिरी क्षणों पर टेलीस्‍कोप ये दिखाई दिया। उस वक्‍त ये एस्‍ट्रॉयड खतरनाक स्‍तर से धरती के बहुत नजदीक था। ये घटना है 15 अप्रैल की जब एक विशालकाय एस्ट्रॉयड धरती के बहुत नजदीक से गुजर गया। हालाकि धरती एक बड़े हादसे से बच गई, लेकिन यह एस्ट्रॉयड 1908 में साइबेरिया के हजारों किलोमीटर जगलों को समतल कर देने वाले छुद्र ग्रह से करीब 3.6 गुना बड़ा था। जब ये धरती के करीब से गुजरा उस वक्‍त दोनों की दूरी महज 1,92,000 किलोमीटर की ही थी। आपको अगर यह लग रहा है कि यह बहुत ज्‍यादा दूरी है, तो गलतफहमी सुधार लें, क्‍योंकि ब्रह्मांड में मौजूद ग्रहों के आकार और उनके गुरुत्‍वाकर्षण को देखते हुए यह बहुत कम थी और धरती के लिए यह बहुत खतरनाक हो सकती थी। सबसे अनोखी बात तो यह है कि 2018 जीई3 नाम के इस एस्ट्रॉयड को धरती के नजदीक से गुजरने के सिर्फ 21घंटे पहले देखा जा सका। जबकि कई बार वैज्ञानिक धरती के लिए खतरा बन सकने वाले एस्ट्रॉयड के बारे में सालों पहले ही बता देते हैं। यह एस्ट्रॉयड करीब 48 से 110 मीटर आकार का है, लेकिन अगर यह धरती से टकरा जाए तो इंसानी जिंदगी को बड़ा नुकसान हो सकता था।

14 अप्रैल को स्‍काई सर्वे ने देखा 

यह एस्‍ट्रॉयड पहली बार 14 अप्रैल को कैटालिना स्काई सर्वेक्षण के स्‍पेस वैज्ञानिकों ने देखा। उस वक्‍त ये धरती की ओर ही तेजी से बढ़ रहा था। यह स्‍काई सर्वे अमेरिका की एरिजोना यूनीवर्सिटी में चल रहे नासा के एक प्रोग्राम का हिस्‍सा है। 2018 जीई3 नाम का यह एस्‍ट्रॉयड धरती और चांद की दूरी के करीब आधी दूरी से गुजर गया। स्‍पेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2013 में रूस के आसमान में एक ऐसा ही एस्‍ट्रॉयड टूटकर जल गया था, जिसके कारण घटनास्‍थल से 93 किलोमीटर दूर तक तमाम इमारतों को नुकसान हुआ था और करीब 1200 लोग घायल हुए थे। बता दें कि 15 अप्रैल को धरती के करीब से गुजरने वाला एस्‍ट्रॉयड रूस वाले एस्‍ट्रॉयड से 3 या 6 गुना बड़ा है। ऐसे में समझ सकते हैं कि अगर ये छु्द्र ग्रह धरती से टकरा जाता तो लाखों करोड़ों लोगों की जिंदगी तबाह हो सकती थी।

एस्‍ट्रॉयड को देख मुश्किल

वैज्ञानिकों का कहना है कार्बन की मोटी परतों और चट्टानों से बने इन एस्‍ट्रॉयड को देख पाना काफी मुश्किल हो जाता है, क्‍योंकि ये ग्रहों की तुलना में बहुत छोटे, और बिल्‍कुल काले होते हैं। इस कारण इन पर पड़ने वाली कोई रोशनी आसानी से रिफ्लेक्‍ट नहीं होती। तभी तो इन्‍हें तब तक खोजा नहीं जा सकता, जब‍ तक कि कई शक्तिशाली टेलीस्‍कोप एक साथ इनकी ओर न देखें। ऐसा ही कुछ 2018 जीई3 के मामले में भी हुआ, तभी इसे आखिरी क्षणों में ही देखा जा सका।


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