Durga Puja 2019: गुवाहाटी में यह दुर्गा पंडाल और मूर्ति है बेहद खास, जानकर आप भी कह उठेंगे- वाह
Durga Puja 2019 गुवाहाटी में मां दुर्गा की इस मूर्ति और पंडाल की खासियत यह है कि ये लकड़ी के कतरन फलों के बीज और स्थानीय जगह पर पैदा किए जाने वाली चीजों से मिलकर बनाई गई है।
Durga Puja 2019: शारदीय नवरात्रि का समापन मां दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ हो रहा है। 9 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में देशभर में कई जगहों पर मां दुर्गा की मिट्टी की मूर्तियां स्थापित की गई थीं। इन मूर्तियों की बनावट और सजावट से ऐसा लगता है कि मां दुर्गा साक्षात् भक्तों को दर्शन देने के लिए पृथ्वी पर उतर आई हैं। इन मूर्तियों को आकार, रंग और रूप देने वाले कलाकारों की प्रतिभा भी सराहनीय है।
बंगाल में दुर्गा पूजा का खास महत्व और माहौल रहता है। 9 दिन तक पूजा की रौनक बनी रहती है। वहां मां दुर्गा की मूर्तियां भी अद्भुत होती हैं, लेकिन इस बार गुवाहाटी में मां दुर्गा की एक विशेष मूर्ति और पंडाल बनाया गया था। जिसे देखने के लिए लोगों में काफी उत्सुकता रही है।
मां दुर्गा की इस मूर्ति और पंडाल की खासियत यह है कि ये लकड़ी के कतरन, फलों के बीज और स्थानीय जगह पर पैदा किए जाने वाली चीजों से मिलकर बनाई गई है। इस दुर्गा पंडाल को रिसाइकल्ड मटेरियल से सजाया और संवारा गया है। इसे बारूवाड़ी तोकोबाड़ी दुर्गा पूजा समिति ने बनवाया है।
Guwahati: A pandal with recycled material has been designed by Baruwari Tokobari Durga Puja Committee. Artists from Kolkata have used wood scraps, fruit seeds and many other local produce in its decor. #Assam #DurgaPuja2019 pic.twitter.com/IzMDQUxY8g — ANI (@ANI) October 7, 2019
कोलकाता के मूर्तिकारों ने इस अद्भुत दुर्गा प्रतिमा और पंडाल का निर्माण किया है। खास बात ये है कि इस पंडाल और मां दुर्गा की प्रतिमा को विशेष अवार्ड भी मिला है। बारूवाड़ी तोकोबाड़ी दुर्गा पूजा समिति को इस अद्भुत दुर्गा प्रतिमा और पंडाल के लिए बेस्ट आइडल, बेस्ट पंडाल, बेस्ट लाइटिंग और बेस्ट पूजा ओवरआॅल का अवार्ड मिला है।
ऐसे ही कोलकाता के प्रसिद्ध संतोष मित्र स्कवायर दुर्गोत्सव समिति ने इस वर्ष मां दुर्गा की 50 किलो सोने से बनी प्रतिमा का निर्माण कराया था। मां दुर्गा की उस 13 फीट ऊंची प्रतिमा का मूल्य करीब 20 करोड़ रुपए आंका गया था। संतोष मित्र स्कवायर दुर्गोत्सव समिति ने इसे कनक दुर्गा (सोने की दुर्गा) नाम दिया था। 2017 में संतोष मित्र स्कवायर दुर्गोत्सव समिति ने दुर्गा माता को सोन की साड़ी चढ़ाई थी।