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ब्रिटेन में स्‍कूलों से हटाई जायेंगी सुई वाली घड़ियां क्‍योंकि बच्‍चे नहीं देख पाते उनमें समय

ब्रिटेन में बच्‍चे घड़ी की सुई से टाइम नहीं देख पाते। इसीलिए यहां के स्‍कूल एनालॉग घडि़यां हटाकर डिजिटल क्‍लॉक लगा रहे हैं, ताकि कम से कम वे टाइम ठीक से देख सकें।

By Molly SethEdited By: Published: Thu, 26 Apr 2018 03:39 PM (IST)Updated: Fri, 27 Apr 2018 09:28 AM (IST)
ब्रिटेन में स्‍कूलों से हटाई जायेंगी सुई वाली घड़ियां क्‍योंकि बच्‍चे नहीं देख पाते उनमें समय
ब्रिटेन में स्‍कूलों से हटाई जायेंगी सुई वाली घड़ियां क्‍योंकि बच्‍चे नहीं देख पाते उनमें समय

 नहीं देख पाते टाइम

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यह चौंकाने वाली खबर ब्रिटेन से आ रही है कि वहां कुछ स्‍कूल अपने परीक्षा भवन से एनालॉग घडि़यां हटा रहे हैं, क्‍योंकि वहां के किशोर घड़ी की सुई से सुई मिलाकर टाइम भी नहीं समझ पाते। परीक्षा के दौरान कई छात्रों ने शिकायत की, कि वो एनालॉग घड़ी देखकर टाइम नहीं जान पा रहे हैं और उन्‍हें पता नहीं चल पा रहा है कि एग्‍जाम टाइम खत्‍म होने में कितना समय बाकी है। कमाल की बात तो ये है कि ऐसी शिकायतें सिर्फ एक या दो स्‍कूलों में नहीं बल्कि वहां के बहुत से स्‍कूलों में सुनने को मिल रही हैं  और इस बात से वहां के शिक्षक और स्‍कूल छात्रों की इस कमी पर शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं। इसके बाद ब्रिटेन के स्‍कूलों ने सबसे आसान तरीका खोजते हुए अपनी कक्षाओं से एनालॉग घडि़यां हटाकर डिजिटल घडि़यां लगाना शुरु कर दिया है। ताकि छात्र अब शिकायत न करें कि वो समय नहीं जान पा रहे हैं।

क्‍यों हुआ है ऐसा हाल

इस बारे में अपनी राय देते हुए ब्रिटेन में एसोसिएशन ऑफ स्कूल एंड कॉलेज लीडर के अधिकारी मैल्कम ट्रोब का कहना है कि आज के युवा लोग तेजी से घड़ी को पढ़ने और समझने में असमर्थ हैं, इसका सबसे बड़ा कारण है कि कंप्यूटर से लेकर टीवी और मोबाइल फोन हर जगह किशोर और युवा डिजिटल क्‍लॉक ही देख और समझ रहे हैं। इसी के चलते उन्‍हें एनालॉग घड़ी का मैकेनिज्‍म समझने में तकलीफ हो रही है, और वो इन घडि़यों पर टाइम पर भी नहीं देख पाते। डिजिटलीकरण का एक और प्रभाव उन्‍होंने बताया कि इससे लिखने की आदत कम हो रही है और लोगों की हैंड राइटिंग खराब हो रही है। 

स्‍कूल में घडि़यों की समस्‍या तो यूनीवर्सिटी में खराब हैंडराइटिंग 

जहां एक तरफ ब्रिटेन में स्‍कूलों में सुई वाली घड़ियां हट रही हैं, तो दूसरी ओर वहां के कई विश्‍वविद्यालय अपने स्‍कॉलर्स की गंदी हैंडराइटिंग से परेशान हैं। बताया जा रहा है कि हर वक्‍त मोबाइल और लैपटॉप पर टाइपिंग करने वाले यहां के छात्र जब परीक्षा के दौरान कॉपियों में लिखते हैं तो उनको जांचने में अध्‍यापकों के पसीने छूट जाते हैं। इस समस्‍या का हल भी अब डिजिटली ही खोजा रहा है। खराब हैंडराइटिंग के चलते ब्रिटेन के कई विश्‍वविद्यालयों में स्‍टूडेंट्स और टीचर्स की जोरदार मांग के बाद अब इस बात की तैयारी हो रही है कि एग्‍जाम में कॉपी पर पेन से लिखने की अनिवार्यता खत्‍म की जाए, और स्‍टूडेंट्स अपने लैपटॉप पर टाइपिंग करके भी एग्‍जाम दे सकें।


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