Move to Jagran APP

दिन ढलने के बाद मौत हो सकती है यहां

भारत में कई पर्यटन स्थलों के नाम आपने सुने होंगे। शायद कहीं की हरियाली, कहीं की ऐतिहासिक स्थापत्य कला के नमूने, कहीं की बर्फबारी देखने के लिए आप वहां घूमने जाना पसंद करते होंगे। पर क्या आपको पता है कि भारत का एक पर्यटन स्थल ऐसा भी है जहां लोग इसके भूतहा होने के लिए प्रसिद्ध होने के कारण जाते हैं। ऐसा भी नहीं है कि यह

By Edited By: Published: Tue, 25 Jun 2013 04:24 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2013 12:14 PM (IST)
दिन ढलने के बाद मौत हो सकती है यहां

भारत में कई पर्यटन स्थलों के नाम आपने सुने होंगे। शायद कहीं की हरियाली, कहीं की ऐतिहासिक स्थापत्य कला के नमूने, कहीं की बर्फबारी देखने के लिए आप वहां घूमने जाना पसंद करते होंगे। पर क्या आपको पता है कि भारत का एक पर्यटन स्थल ऐसा भी है जहां लोग इसके भूतहा होने के लिए प्रसिद्ध होने के कारण जाते हैं। ऐसा भी नहीं है कि यह मात्र कोरी कल्पना और अफवाह है। स्वयं भारत सरकार ने इसे हॉंटेड प्लेसेज की लिस्ट में सबसे ऊपर रखते हुए दिन ढलने के बाद यहां जाना मना कर रखा है।

loksabha election banner

दिल्ली और जयपुर के बीच पड़ने वाला राजस्थान का भानगढ़ किला भूतहा किले के नाम जाना जाता है। 17वीं शताब्दी में बनाया गया यह किला पूरी तरह नेस्तोनाबूद है। कहते हैं कि यहां जो भी मकान बनाया जाता है उसकी छत कभी नहीं टिकती। इस तरह यहां कभी कोई मकान नहीं बन पाता। कहते हैं शाम ढलते ही यहां आत्माएं घूमने लगती हैं और सूर्यास्त के बाद जो भी यहां जाता है कभी वापस लौटकर नहीं आता।

हालांकि यह एक पर्यटन स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है और बड़ी संख्या में सैलानी यहां घूमने आते हैं, पर भारत सरकार ने सूर्यास्त के बाद यहां किसी का भी जाना मना कर रखा है। कहते हैं कि यह पाबंदी लगाने से पहले यहां की असलियत जानने के लिए सरकार ने अर्धसैनिक बलों की टुकड़ी भी लगाई, पर सैनिक भी इस बारे में कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं ढूंढ़ पाए। अंतत: इसके रहस्य को सार्वजनिक रूप से मानते हुए सरकार ने सूर्यास्त के बाद किसी के भी यहां जाने पर पाबंदी लगा दी।

अभी कुछ समय पहले यह जगह उस वक्त काफी चर्चा में रही जब आमिर खान ने अपनी फिल्म तलाश के प्रमोशन के लिए यहां जाने की घोषणा की। इस जगह के भूतहा होने के पीछे दो कहानियां प्रसिद्ध हैं। पहली मान्यता के अनुसार यह शहर गुरु बालू नाथ द्वारा शापित है। कहते हैं कि गुरु बालू नाथ ने ही इस शहर को बनाने की अनुमति दी थी, पर साथ ही यह भी हिदायत दी थी कि इसकी छाया उन पर न पड़े। निर्माण से पहले ही उन्होंने कहा था कि अगर इसकी छाया उन पर पड़ी, तो यह नष्ट हो जाएगा। पर उनकी हिदायत पर ध्यान न देते हुए इस किले को इतना ऊंचा बनाया गया कि इसकी छाया गुरु बालू नाथ पर पड़ी और यह शहर किले समेत नष्ट हो गया। कहते हैं गुरु बालू नाथ ने यहीं समाधि ले ली थी, इसलिए यहां किसी भी मकान की छत नहीं टिकती।

दूसरी मान्यता के अनुसार, यहां की राजकुमारी रत्‍‌नावती को एक जादूगर सिंघई पसंद करता था और शादी करना चाहता था। उसे पता था कि रत्‍‌नावती उसे कभी पसंद नहीं करेगी। इसलिए एक दिन बाजार में उसकी दाई को देखकर उसने धोखे से उसके सामान में एक इत्र रख दिया जिसे लगाकर रत्‍‌नावती स्वयं उसके पास आती। किंतु रत्‍‌नावती को उसकी धृष्टता का एहसास हो गया और उसने इत्र की बोतल एक पत्थर पर दे मारी। कहते हैं कि उस पत्थर ने सिंघई का पीछा करते हुए आखिरकार उसकी जान ले ली और मरते हुए सिंघई ने ही रत्‍‌नावती के साथ ही भानगढ के नष्ट हो जाने और पुनर्जन्म न लेने का शाप दिया था। कहते हैं इसके एक महीने बाद ही एक दूसरे राज्य से युद्ध में भानगढ़ नष्ट हो गया और साथ ही राजकुमारी रत्‍‌नावती भी, जिनकी आत्माएं आज भी यहां भटकती रहती हैं।

भानगढ़ के इस किले की असली कहानी कोई नहीं जानता। इन्हीं दोनों कहानियों के आधार पर यहां कुछ बहुत बुरा घटित हुआ ऐसा अनुमान लगाया जाता है। बहरहाल एक भूतहा पर्यटन स्थल के रूप में तो इसने एक पहचान बना ही ली है।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.