आजाद हिंद फौज के सिपाही 90 की उम्र में मांग रहे हैं भीख
झांसी के रहने वाले श्रीपत कभी आजाद हिंद फौज के सिपाही थे। आखिर क्यों सात एकड़ जमीन का मालिक चौराहे पर भीख मांगने को मजबूर है।
90 साल के श्रीपत आल भीख मांगने को मजबूर हैं। झांसी के रहने वाले श्रीपत कभी आजाद हिंद फौज के सिपाही थे। आखिर क्यों सात एकड़ जमीन का मालिक चौराहे पर भीख मांगने को मजबूर है।
श्रीपत फिलहाल पत्नी के साथ हंसारी एरिया में एक झोपड़ी में रहते हैं। उनके पास सात एकड़ जमीन और एक लाइसेंसी बंदूक थी, लेकिन उनकेबेटे तुलसिया ने नशे और जुएं की लत के कारण सब कुछ बेच दिया।
जब तक शरीर ने साथ दिया उन्होंने खेत में मजदूरी भी कि लेकिन जब हाथ-पैर ने काम करना बंद कर दिया तो मजबूर में चौराहे पर भीख मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा।
मूलत: ओरछा के रहने वाले श्रीपत का जन्म उस समय हुआ जब देश में अंग्रेजो का साम्राज्य था।
वह अपने पिता से महारानी लक्ष्मीबाई, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह और सुभाषचंद्र बोस की कहानियां सुनते थे।
बचपन में क्रांतिकारियों के संपर्क में रहने के कारण उनमें देश प्रेम की भावना जागृत हो गयी।
एक बार सुभाषचंद्र बोस झांसी आये और उनका भाषण सुन श्रीपत इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने आजाद हिंद फौज में शामिल होने के लिए बंदूक लाइसेंस तक बनवा लिया। श्रीपत ने नवंबर 1943 में आजाद हिंद फौज ज्वाइन की थी।